Bettiah Raj News: बसावट को छोड़ शेष बेतिया राज की जमीन सरकार इस्तेमाल करें- संजय यादव

Bettiah Raj News: बसावट को छोड़ शेष बेतिया राज की जमीन सरकार इस्तेमाल करें- संजय यादव

Bettiah Raj News: बसावट को छोड़ शेष बेतिया राज की जमीन सरकार इस्तेमाल करें- संजय यादव
मुख्य बिंदु:
  • कानून बना 2024 में लागू होगा 127 साल पीछे से, अंग्रेजी़ सरकार से भी खतरनाक है भाजपा जदयू सरकार- भाकपा माले
  • वर्षों से बसें बस्तियों को उजाड़ कर कौन सा विकास का माडल बना रहीं हैं जदयू भाजपा
  • जबरन बेदखली: बेतिया राज की जमीन से हजारों परिवारों को उजाड़ने का आदेश।
  • उद्योग नहीं, जमीन हड़पने की साजिश: कारखानों की कोई योजना नहीं, सिर्फ भूमि खाली कराई जा रही।
  • टाउनशिप के नाम पर लूट: सरकार भू-माफियाओं को जमीन बेचने की राह आसान कर रही।
  • जनता विरोध में: चंपारण की जनता जबरन बेदखली और सरकार की नीतियों का विरोध कर रही।

Bettiah Raj News: कोई कारखाना लगाने का बजटीय प्रवधान नहीं, कोई उधोगपति कंपनी लगाने को तैयार नहीं, फिर जमीन खाली कराने का फरमान जारी, सरकार की नियत संदेह के घेरे में

राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक द्वारा बेतिया राज की जमीन खाली करा कर इंडस्ट्री, अस्पताल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज बनाने और टाउनशिप डेवलपमेंट निर्माण के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए बेतिया राज भूमि अधिकार संघर्ष मोर्चा जिला अध्यक्ष संजय यादव ने कहा कि बिहार सरकार का कोई कारखाना लगाने का बजटीय प्रवधान नहीं है और न कोई उधोगपति कंपनी लगाने के लिए तैयार है, बीच शहर में उधोगपतियों को याद है बंगाल के नन्दिग्राम और सिंगुर। फिर भी सरकार के अधिकारी बेतिया राज की जमीन पर सैकड़ों वर्षों बसें बस्तियों को खाली कराने का फरमान लगतार जारी है, सरकार की जल्दबाजी से सरकार की नियत संदेह के घेरे में है, बात जगजाहिर होतें जा रहीं हैं कि भाजपा जदयू की डबल इंजन की सरकार जो कुछ कर रहीं हैं उससे भू - माफियाओं द्वारा भूमि लूटने की राह असान बनाने के लिए कर रहीं है,

देखें: क्या क्या मिला बेतिया राज के खज़ाने से

आगे कहा कि बेतिया राज की परिसंपत्तियों को बिहार सरकार में निहित करने वाली कानून बना है 2024 में और सरकार लागू करना चाहती है 127 साल पिछे 1897 से, भाजपा जदयू की डबल इंजन की सरकार अंग्रेजी़ सरकार से भी खतरनाक और जुल्मी बनीं हुईं हैं। बर्षो से बसें बस्तियों को उजाड़ कर कौन सा विकास का माडल बना रहीं हैं, उन्होंने कहा कि बेतिया राज की जमीन पर बसें पचासों हजार परिवारों को उजाड़ने की कोशिश किया तो बड़ी किमत चूकानि होगी। 

भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य सुनील यादव ने कहा कि जब बेतिया राज की परिसंपत्ति बिहार सरकार में निहित हो चुकी है तो लम्बे समय से बसें बस्तियों को बिहार काश्तकारी अधिनियम 1885 के तहत 12 साल / 30 साल के ग्राउंड पर बसें लोगों को कानूनी अधिकार दे. इसे कौन रोक रहा है, कौन सा भू- माफिया हैं जिसके सामने सरकार लाचार बनीं हुईं हैं। 

आगे कहा कि राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक बेतिया राज की जमीन खाली करा कर इंडस्ट्री लगाने की बात कर रहे हैं लगता है ऐ अधिकारी कम नेता की भाषा अधिक बोल रहे हैं, उनसे पुछने की जरूरत है कि कुमार बाग में स्थापित इस्पात इंडस्ट्री जब से बना है उसमें उत्पादन क्यों नहीं हो रहा है, पहले उसे तो ठीक से चलाने का गारंटी करें, जहां तक यूनिवर्सिटी, कॉलेज की बात है. बेतिया में जो कॉलेज है उसमें ही मानक के हिसाब से प्रोफेसर नहीं है, न पढाई हो रही है न समय से परीक्षा, न समय से रिजल्ट हो पाता है, हाँ हर पंचायत में हाईस्कूल और हर अंचल में कॉलेज खोलने की बात है और लगतार मांग उठ रही है मगर सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रहें हैं, जनता जिस काम के लिए आंदोलन कर रहीं हैं, उसपर सरकार चुप्पी साधे हुए है। हॉ अस्पताल ही नहीं बेतिया में मेडिकल कॉलेज बना हुआ है अगर उसके बाद भी सरकार चाहतीं है कि और अस्पताल बनवाना है तो उस के लिए बेतिया राज की अभी खाली जमीन प्रयाप्त है, किसी को उजाड़ने की जरूरत नहीं पडेगी, 

आगे कहा कि एक तरफ टाउनशिप डेवलपमेंट बनाने की बात अधिकारी बोल रहे है, दूसरी तरफ बेतिया शहर के गली, सड़क, नाले लाईट का क्या हाल है, देख लीजिए, बिहार के नौजवानों को रोजगार देने के लिए और जिन नौजवानों को सरकार अनुबंध पर काम करा रही हैं उन्हें सम्मान जनक मजदूरी देने के लिए खजाने मे पैसे नहीं है, तो सवाल उठा रहा है कि टाउनशिप डेवलपमेंट का निर्माण कैसे सरकार करेगी , इसका मतलब साफ है इस जमीन को भू- माफियाओं के हाथों औने पौने चवन्नी में सौदा करेगी। 

सरकार इस किस्म का सौदेबाजी करें चम्पारण की जनता तैयार नहीं है।

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