Government Medical College Bettiah: Courses and History in Hindi

Government Medical College Bettiah, (GMCH Bettiah) चंपारण ज़िले एक मात्र अस्पताल है जहां लगभग सभी प्रकार के कोर्सेस और चिकित्सक सेवाएं प्रदान की जाती हैं। 

सर्वप्रथम इसकी बुनियाद बेतिया राज के महाराज श्री हरेंद्र किशोर ने 1862 में रखी थी, उस वक्त इसका नाम 'लेडी डफरिन हॉस्पिटल' रखा गया था। बाद में चल के सन 2007 में इसका नाम Government Medical College Bettiah(GMCH Bettiah) रखा गया।

Details  Of GMCH Bettiah 

भूकंप और पुनर्निर्माण की कहानी:

1934 को आए विनाशकारी भूकंप ने GMCH Bettiah को गंभीर क्षति पहुँचाई। इसके बाद बेतिया राज प्रबंधन ने इसका पुनर्निर्माण किया और 26 मार्च 1936 को इसे दोबारा स्थापित किया गया। उस समय, इस कॉलेज का नाम ब्रिटेन के राजा King Edward VII के सम्मान में रखा गया था।

GMCH Bettiah का नाम परिवर्तन:

GMCH Bettiah का नाम समय-समय पर बदला गया, जिससे इसकी ऐतिहासिक और प्रशासनिक यात्रा स्पष्ट होती है:

  1. लेडी डफरिन अस्पताल – ब्रिटिश शासनकाल में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए स्थापित।
  2. महारानी जानकी कुँवर अस्पताल (MJK Hospital) – बेतिया राज की समृद्ध धरोहर को दर्शाने के लिए।
  3. 2007 में नाम बदला गया और इसे Government Medical College Bettiah कहा जाने लगा।

हालांकि, आज भी स्थानीय लोग इसे MJK Hospital के नाम से जानते हैं और कई बार इसके नाम को बरकरार रखने की मांग कर चुके हैं।

अस्पताल की स्थापना और प्रारंभिक प्रबंधन:

Government Medical College Bettiah शुरुआत में महिलाओं और बच्चों के लिए चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने हेतु बनाया गया था। 1893 में यहाँ पहली बार डॉक्टर के रूप में लेडी मिस जेनी मार्श (RCPL, RCS – एडिनबर्ग, LRPG – ग्लास्गो) को नियुक्त किया गया था। उनका वेतन ₹250 मासिक और ₹75 भत्ता था, जो उस समय एक बड़ी रकम थी।

बाद में, यहाँ डॉ. ई. बी. हॉलवे की नियुक्ति हुई, जो भारत की प्रसिद्ध महिला सर्जनों में से एक थीं। उनके योगदान को सम्मान देते हुए हॉलवे वार्ड स्थापित किया गया, जो आज भी मौजूद है।

1934 का भूकंप और पुनर्निर्माण:

बिहार के 1934 के भूकंप ने कई ऐतिहासिक इमारतों को नष्ट कर दिया, जिसमें बेतिया कैथोलिक चर्च, बेतिया इमामबाड़ा और GMCH Bettiah शामिल था। इसके बाद इसका पुनर्निर्माण हुआ और इसे King Edward VII हॉस्पिटल नाम दिया गया।

1961 में फिर से नाम बदला गया और इसे महारानी जानकी कुँवर अस्पताल (MJK Hospital) कहा जाने लगा।

Government Medical College Bettiah में उपलब्ध कोर्स और सीटें:

यह कॉलेज आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना से मान्यता प्राप्त है। 2013 में यहाँ MBBS कोर्स की अनुमति मिली, जिसमें 100 छात्रों का पहला बैच शामिल था।

इस कॉलेज में यूजी, पीजी और पैरामेडीकल के साथ लगभग 14 कोर्सेस हैं।(पूरी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें)

GMCH Bettiah का वर्तमान परिदृश्य:

यह कॉलेज 29.83 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें सभी चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं (सुपर स्पेशलिस्ट को छोड़कर)।

GMCH Bettiah की सुविधाएँ:

  1. 500 बेड का जनरल वार्ड
  2. 24 बेड का ICU
  3. 20 बेड का कैजुअलिटी वार्ड
  4. हर वार्ड में 10 बेड

इसके के निर्माण की माँग 1990 के दशक से चल रही थी। 2013 में सरकार ने इसके निर्माण के लिए बिल पास किया, और 2017 में नए भवन का निर्माण शुरू हुआ, जो 2025 में पूरा हुआ। इस पर कुल ₹500 करोड़ का खर्च आया।

अधीक्षकों की सूची और ऐतिहासिक प्रबंधन:

इस कॉलेज में 1961 से 2018 तक 54 अधीक्षक (Superintendent) रहे हैं। डॉ. मिस टी. के. सुंदरम (1965-1967) के कार्यकाल को विशेष रूप से सराहा जाता है, और उनके प्रबंधन को AIIMS के समकक्ष माना जाता था।

निष्कर्ष:

GMCH Bettiah की चिकित्सा शिक्षा और ऐतिहासिक धरोहर का महत्वपूर्ण प्रतीक है।

  • 1892 में बेतिया राज द्वारा स्थापित यह संस्थान कई बदलावों से गुजरा।
  • 1934 के भूकंप से लेकर 2007 में मेडिकल कॉलेज बनने तक, इसका सफर ऐतिहासिक और गौरवशाली रहा।
  • आज यह एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है, जहाँ MBBS, PG और पैरामेडिकल कोर्स उपलब्ध हैं।
  • 500 बेड के अस्पताल के साथ, यह बिहार के स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

इसका का गौरवशाली सफर यह दर्शाता है कि एक संस्थान केवल इमारतों से नहीं बनता, बल्कि उसके पीछे का इतिहास, संघर्ष, और समाज के प्रति योगदान ही उसे महान बनाता है।

नोट: यहां लिखी जानकारी BETTIAH Times पर लिखे आर्टिकल में की एक summary है। पूरी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

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