सीओ, एसएचओ,डाटा आपरेटर्स के प्रताडना का मामला पहुंचा मानवाधिकार अयोग

बेतिया। कुमार राघवेन्द्र राघव अंचलाधिकारी बेतिया प० चम्पारण एवं अभिराम सिंह थानाध्यक्ष बेतिया मु० प० चम्पारण तथा बृजेश पाठक एवं सदाशिव झा डाटा ऑपरेटर अंचल कार्यालय बेतिया प० चम्पारण के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करने के संबंध में राजेश कुमार उर्फ राजेश महतो उम्र 32 वर्ष पिता-मोहन प्रसाद उर्फ मोहन महतो साकिन बरवत प्रसराईन, थाना-बेतिया मुफ्फसिल जिला प० चम्पारण का निवासी हूँ एवं एक विधि पालक व्यक्ति हूँ कानून में आस्था एवं विश्वास रखता हूँ।

मैं दिनांक-30.06.2014 एवचं 10.07.2014 को चंदन महतो से 4 कठा 18 धुर जमीन अपने नाम से बैनामा रजिस्ट्री कराया जिसका खाता सं०- 416 एवं खेसरा नं0-1391 तथा जमाबंदी नं0 3975 है। जमाबंदी चंदन महतो के नाम से दर्ज है।

आगे उन्होंने उल्लेख किया है कि उक्त जमीन को दाखिल खारीज कराने हेतु अंचल कार्यालय बेयिता में आवेदन ऑनलाईन किया जिसपर दाखिल-खारीज वाद संख्या- 5979/2022-23 एवं 5980/2022-23 चला एवं हल्का कर्मचारी को उक्त जमीन का जाँच पडताल कर प्रतिवेदन दाखिल करने का आदेश हुआ। हल्का कर्माचारी ने उक्त जमीन जाँच पडताल प्लॉट पर जाकर किया, कागज का मिलान किया लोगो से पुछ-ताछ किया एवं 'जमीन पर मेरा कब्जा पाया। हल्का कर्मचारी ने यह लिखते हुए अपना प्रतिवेदन अंचल कार्यालय में दाखिल ऑनलाईन किया किः-

"आवेदित जमीन का मिलान राजस्व कागजातो से किया एवं सही पाया आवेदित जमीन की जमाबंदी स्वयं विक्रेता के नाम से चलती है। जमीन क्रेता के दखल कब्जा में है। जमीन नामांतरण के योग्य है। अतः दाखिल खारीज की स्वीकृति दी जा सकती है।"

मैं हल्का कर्मचारी के प्रतिवेदन को नेट से निकाला। इसी बीच आपत्तिकर्ता जो भू माफिया एवं अपराधी किस्म का व्यक्ति है अंचलाधिकारी बेतिया प० चम्पारण एवं डाटा ऑपरेटर सदाशिव झा एवं बृजेश पाठक को अपने मेल एवं प्रभाव में लेकर अंचल कर्मियो को पैसे के बल पर खरीद लिया तथा इसी बीच अंचलाधिकारी बेतिया के आदेश पर डापटा अपरेटर अंचल कार्यालय बेतिया ने हल्का कर्मचारी के प्रतिवेदन को कम्पयूटर से उड़ा दिए।

मैं जमीन का दाखिल खारीच करावाने हेतु अंचल कार्यालय बेतिया दौडता रहा जहाँ डाटा आपरेटर बोले कि अंचलाधिकारी के आदेश से हल्का कर्मचारी के प्रतिवेदन को कम्पयूटर से विलोपित कर दिया गया है आपत्तिकर्ता ने

मोटी रकम दी है यदि तुम भी अंचलाधिकारी एवं हमलोगों को मोटी रकम घुस के रूप में दोगे तो दाखील खारीच पर विचार किया जाएगा। काफी प्रयास के बाद पता चला कि अचंल कर्मी बेतिया प० चम्पारण हल्का कर्मचारीी के प्रतिवेदन को अस्वीकृति कर दिए है तथा एक मनगढंत प्रतिवेदन बनाकर कम्पयूटर में अपलोड कर दिए है जिससे मेरा बहुत बड़ा नुकसान हुआ है तथा उक्त जमीन का दाखिल खारीज भी नही हुआ।

 मैं जमीन चंदन महतो से रजिस्ट्री कराया हूँ तथा चंदन महतो की जमाबंदी से मझे जमीन पाना है। आपत्तिकर्ता को चंदन महतो के से दूर-दूर कोई लेना देना नही है।

मैं, आपत्तिकर्ता, अंचलाधिकारी बेतिया प० चम्पारण एवं डाटा ऑपरेटर अंचल कार्यालय बेतिया प० चम्पारण के गहरी साजिश का शिकार हुआ हूँ। तथा उक्त लोगो के द्वारा मेरे दाखिल खारीच आवेदन को खारीच करना कानूनन अपराध है।

उक्त संबंध में मैं वरीय पदाधिकारीयो को आवेदन दिया तथा अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 23.07.2024 को वकालतन नोटिस भेजवाया। अंचलाधिकारी बेतिया प० चम्पारण वकालतन नोटस का जवाब नहीं दिए तथा मुझ पर नाजायज दबाव बनाने लगे एवं धमकी देने लगे कि वरिय पदाधिकारियो के यहाँ जो आवेदन दिया है उसको वापस ले ले अन्यथा अंजाम बुरा होगा।

दिनांक 07.09.2024 समय करीब 11:30 बजे रात्री में मैं अपने घर पर सोया था कि स्थानीय थानाध्यक्ष 50 अज्ञात पुलिसकर्मियो के साथ 5-7 भान से मेरे घर पर आये तथा मरे घर को घेर लिए एवं गाली गुप्तादेने लगे तथा बेवजह मुझको गिरफ्तार करके थाना पर ले गये एवं मुझ पर दबाव बनाने लगे कि अंचलाधिकरी बेतिया प० चम्परण के खिलाफ जो आवेदन वरिय पदाधिकारी को दिया है उसको वापस ले लो। मेरे इंकार करने पर मुझको भद्दी-भद्वी गालियों दिए वो माता पिता एवं बहन को भी भद्वी भट्टी गालिया देने लगे उसके बाद अगले दिन मुझे दिनांक-08.09.2024 को न्यायालय भेज दिए जहाँ न्यायालय ने मुझको निर्दोश पाया एवं छोड दिया तथा न्यायालय द्वारा उक्त कुकृत्य हेतु स्थानीय थानाध्यक्ष को डॉट-फटकार किया गया।

अंचलाधिकारी बेतिया, प० चम्पारण डाटा ऑपरेटर अंचल कार्यालय बेतिया एवं थानाध्यक्ष थाना-बेतिया मुफ्फसिल जिला प० चम्पारण के उक्त कृकृत्य से मेरा काफी नुकसान पहुँचा है तथा मेरी मान प्रतिष्ठा समाज में धुमिल हुई है। उक्त पदाधिकारियो ने जानबुझकर निजी लालच की पुर्ति हेतु अपने पद का दुरूपयोग करते हुए उक्त सारी घटनाओ को अंजाम दिया है जो कानूनन अपराध है एवं मानवीय कृकृत्य है। उक्त संदर्भ में संबंध पदाधिकारी एवं कर्मी से मुलाकात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका उनसे मुलाकात नहीं हो पाई इसलिए उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका।

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