बेतिया बना बिना पंजीकरण के गाड़ियों के परिचालन का सेफ जोन, जिम्मेदार डीटीओ, वाहन स्वामी या वाहन एजेंसी
बेतिया - सम्पूर्ण भारत वर्ष में भले केन्द्रीय मोटर अधिनियम का अनुपालन हो रहा हो परन्तु पश्चिम चम्पारण जिला में केन्द्रीय मोटर अधिनियम का खुल्लम खुल्ला उलंघन किया जा रहा है। जबकि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की कानून की सरकार है।
यदि आपको देखना हो तो कहीं और नहीं बल्कि ज़िला मुख्यालय बेतिया के समाहरणालय चौक अथवा स्टेशन चौक सहित शहर के किसी भी प्रवेश द्वार पर खड़े होकर इसका नजारा अपनी आंखों से देख सकते हैं,कि कैसे सड़कों पर बिना पंजीकरण के गाड़ियों का परिचालन निर्भीक रूप से वाहन चालकों द्वारा किया जा रहा है। आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है? जिला परिवहन पदाधिकारी, वाहन एजेंसी या वाहन स्वामी।
जानकार सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय मोटर अधिनियम के अनुसार बिना रजिस्ट्रेशन किये किसी भी गाड़ी का परिचालन तो दूर की बात है संबंधित वाहन एजेंसी के शोरूम से नहीं निकाला जा सकता है। इसके बावजूद दो पहिया, तीन पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों की बिक्री संबंधित वाहन एजेंसी के द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन किये व करवायें हीं धडल्ले से की जा रही है।
तभी तो बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ियों के परिचालन का नजारा देखने को मिलता है। यह बात अलग है कि डीटीओ,एमभीआई, बिहार मोटर सेवा के सिपाही से लेकर यातायात पुलिस तथा बेतिया व बगहा पुलिस जिला के विभिन्न थानों की पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान बिना रजिस्ट्रेशन वाले वाहन को पकड़ कर सरकार के खजाने में जुर्मानें की राशि जमा करायी जा रही है। मोटर अधिनियम के उल्लंघन करने वाले हल्के वाहन वालों को प्रथम अपराध के लिए 2000-5000 रूपये आर्थिक जुर्माना और एक वर्ष के कारावास का प्रावधान है।
वहीं दूसरी बार अपराध करने पर 5000-10000 रूपये आर्थिक जुर्माना व कारावास का प्रावधान है। इतना हीं नहीं संबंधित वाहन एजेंसी पर बिना रजिस्ट्रेशन किये वाहन को शोरूम से निकालने के जुर्म में आर्थिक जुर्माना के साथ -साथ अनुज्ञप्ति रद किए जाने का नियम है। आश्चर्य कि बात तो यह है कि संबंधित वाहन एजेंसी द्वारा वाहन कि बिक्री करते समय एक्स शोरूम नहीं बल्कि ऑन रोड का शुल्क वाहन क्रेताओं से लिया जाता है। जिसमें हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट से लेकर वाहन पंजीकरण शुल्क व इंसोरेंस शुल्क जुड़ा रहता है। किन्तु कथित रूप से लक्ष्मी पूजा की बदौलत जिला परिवहन पदाधिकारी पश्चिम चम्पारण बेतिया एवं उनके अधिनस्थ कर्मियों की सांठ-गांठ में विभिन्न वाहन एजेंसी से न केवल गाड़ियाॉं निकलती हैं बल्कि ज़िला के विभिन्न मार्गों पर निडरतापूर्वक परिचालन किया जा रहा है।
हर रोज तो वाहन चेकिंग के दौरान परिवहन पदाधिकारी एवं अन्य सक्षम परिवहन कर्मियों के साथ -साथ यातायात पुलिस तथा बेतिया एवं बगहा पुलिस जिला के विभिन्न थानों के पुलिस कर्मियों द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन के परिचालन के अपराध में वाहन स्वामी से जुर्माना की राशि वसूल की जाती है। जिसकी खबरें जिला परिवहन पदाधिकारी पश्चिम चम्पारण बेतिया एवं बगहा तथा बेतिया पुलिस जिला के सक्षम पुलिस पदाधिकारी के हवाले से खबरें भी विभिन्न समाचार पत्र -पत्रिकाओं सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ,सोशल मीडिया,यू टूब चैनल के माध्यम से जन- जन तक पहुॅंचती है।
लेकिन संबंधित वाहन एजेंसी के शोरूम से बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ियों की बिक्री व शोरूम से निकालने के अपराध में किस एजेंसी को किस तिथि में कितना रूपया जुर्माना किया गया यह भी मीडिया कर्मियों के माध्यम से आम जनता तक पहुॅंचना चाहिये क्या जिला परिवहन पदाधिकारी पश्चिम चम्पारण बेतिया के द्वारा जनतंत्र के मालिकों के बीच सार्वजनिक किया जाएगा कि उनके अब तक के कार्यकाल में किन-किन वाहन एजेंसियों के विरुद्ध किस -किस तिथि में जुर्माना किया गया और उससे प्राप्त कितनी राशि सरकार के खजानें में जमा करायी गयी।
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क्या आगामी धनतेरस के दिन जिला के विभिन्न वाहन एजेंसियों के शोरूम से पंजीकरण करवाकर हीं वाहनों का शोरूम से बाहर निकाला जाएगा?इस बीच भाकपा माले नेता सुनील राव, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव ओमप्रकाश क्रान्ति, समाजिक विकास संगठन के विद्यानन्द शुक्ल आदि ने इस पूरे प्रकरण कि जाॅंच कर समुचित कार्रवाई की माॅंग जिला पदाधिकारी पश्चिम चम्पारण बेतिया एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से की है।
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