वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों को हडप ने के खिलाफ संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को माले विधायक ने लिखा पत्र

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024. मुस्लिम समुदाय, उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान के तहत प्राप्त विश्वासों पर सीधा आक्रमण है- वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता

बेतिया, भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि भाजपा द्वारा लाया गया वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 स्पष्ट रूप से पक्षपाती है और मुस्लिम समुदाय, उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान के तहत प्राप्त विश्वासों पर सीधा आक्रमण करता है। इस संशोधन का उद्देश्य वक्फ संस्थान और उसकी प्रशासनिक व्यवस्था को ध्वस्त करना है, जो संकीर्ण मानसिकता से प्रेरित कानून बनाने का स्पष्ट उदाहरण है।

आगे कहा कि 2013 में व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद लाए गए वक्फ अधिनियम के प्रभावी संशोधनों को मजबूत करने की बजाय पूरी तरह से समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। बहुसंख्यकवाद के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई जगह नहीं होनी चाहिए, न सड़कों पर और न संसद में, जो विविध अल्पसंख्यकों के अधिकारों और आकांक्षाओं को कुचलने का काम करता हो।

आगे उन्होंने ने कहा कि 2006 की जस्टिस राजिंदर सच्चर समिति की रिपोर्ट वक्फ को एक सामाजिक-धार्मिक संस्थान के रूप में मान्यता दी थी, जो कल्याणकारी गतिविधियों में शामिल है, और वक्फ बोर्डों को प्रशासनिक, वित्तीय और कानूनी रूप से मजबूत करने की आवश्यकता को पहचाना था। इसके विपरीत, यह प्रस्तावित विधेयक हिंदुत्व की राजनीतिक विचारधारा को कानून में दर्ज करने का प्रयास है।

इस विधेयक को सामान्य रूप से पढ़ने से स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों पर अधिक नियंत्रण स्थापित करना है, इस तथ्य की अनदेखी करते हुए कि ये संपत्तियां मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों द्वारा धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए बनाई गईं धर्मार्थ निधियां हैं।

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