बेतिया बाल गृह एवं नरकटियागंज रेलवे जीआरपी के द्वारा मदरसा के बच्चों को किया गया गिरफ्तार

मदरसा के बच्चों एवं गार्जियन के द्वारा सारी प्रूफ देने के बाद भी नरकटियागंज रेलवे जीआरपी बेतिया बाल गृह के द्वारा बच्चों को नहीं छोड़ा गया

बेतिया पश्चिम चम्पारण के सीडब्लूसी के डिपीएम कविता कुमारी ने बताया कि इन बच्चों को नरकटियागंज रेलवे स्टेशन के जीआरपी एवं चाइल्ड होम के द्वारा पकड़ा गया था वही डिपीएम के द्वारा आगे कुछ भी नहीं बताया गया। 

पत्रकारों से बात करने से कतराते दिखी बेतिया DPM. एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष हाजी नबीउल हक ने बताया कि नरकटियागंज रेलवे जीआरपी एवं चाइल्ड होम के द्वारा मदरसा के बच्चों को बेवजह पकड़कर बंद कर दिया गया बहुत ही अफ़सोस और शर्म की बात है बाल गृह कर्मियों के द्वारा मदरसा के मासूम बच्चों को अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए समाजसेवी नसीम अहमद ने अफसोस जताते हुए कहा कि मदरसा के बच्चों के साथ ऐसा गलत हरकत करना बहुत ही शर्म की बात है ऐसे अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई होना चाहिए। इस नेक कार्य में जिले के समाजसेवी,बुद्धिजीवी लोगों के साथ इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकार साथी भी मौजूद रहे। 

वही इस नेक कार्य में AIMIM के कोषाध्यक्ष इम्तियाज खान,तलहा आबिद,नॉलेज खान, पूर्व वार्ड पार्षद तंजीर आलम उर्फ भुट्टू, आदि मौजूद रहे। वही मदरसा के बच्चों में मो कुर्बान अली,मो हसनैन,मो नजाब,मो न्याब,मो गुलाब,मो अनीश,अमान आलम,अब्दुल कादिर,अब्दुल बासित,मो अताउल्लाह यह ग्यारह मदरसा के बच्चों को रिहा कराकर सित बसंत बस से किशनगंज अररिया के लिए रवाना किया गया.

नबी उल हक ने बताया कि 18 तारीख की बात है कि है शिक्षकों के साथ मदरसा में पढ़ने वाले बच्चे छुट्टी खत्म होने पर घर से वापस जा रहे थे कुल 42 बच्चों में 18 बच्चों को सुगौली रेलवे स्टेशन पर तथा 41 बच्चों को नरकटियागंज रेलवे स्टेशन पर सादे लिबास में चाइल्ड लाइन कर्मियों द्वारा उतार लिया गया जब के शिक्षकों ने बच्चों के संदर्भ में सभी सबूत उन्हें लिखित रूप में पेश किया लेकिन टोपी देखकर किसी ने भरोसा नहीं किया और पुलिस की तरह का रौब दिखाते हुए उन्हें उतार कर बाल गिरीह में मोतिहारी एवं बेतिया भेज दिया गया बेतिया में काफी मेहनत और मशक्कत के बाद बच्चों के गार्जियन के साथ शपथ पत्र आदि प्रस्तुत किया गया जिस पर 20 तारीख की रात 11:10 पर सिर्फ 13 बच्चों को उनके गार्जियन के हवाले किया गया एवं 11 बच्चों को बालगिरीह के कर्मचारियों ने रख लिया.

अध्यक्ष नबी उल हक ने बताया कि 11 बच्चों के गार्जियन से एक कर्मचारी द्वारा रकम की फरमाइश की गई की इतने रुपए अभी दे दे तो इन्हें अभी छोड़ा जा सकता है इसकी सूचना जब नबी उल हक को मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी जिला प्रशासन एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को पहुंचाई यह खबर पूरे जिले में जंगल की आग की तरह फैलती चली गई काफी मशक्कत के बाद 23 तारीख को संध्या 4:00 बजे सभी कागजी कार्रवाई की खाना पूर्ति करने के बाद बेतिया बालगिरीह से मदरसे के बच्चे अपने गार्जियन के सुपुर्द किए गए बेतिया के कई समाजसेवी आगे आए और उन बच्चों को उनके गार्जियन के साथ बस द्वारा उनके घर तक भेजने की व्यवस्था की गई समाजसेवियों ने इस घटना पर काफी आक्रोश एवं दुख व्यक्त करते हुए सरकार से इसकी मांग की है की इस पूरे घटना की गहनता से जांच करते हुए इस निंदनीय घटना पर आतिश शीघ्र उचित कानूनी कार्रवाई की जाए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षकों के साथ रेल कर्मचारियों ने अभद्र व्यवहार भी किया तथा उनके उनको धमकी भी देकर छोड़ दिया और बच्चों को अपने साथ ले गए बेतिया में एक बच्चे ने दाहिनी आंख दिखाते हुए यह कहा कि बाल गिरी में उन्हें चोट आई है, बालगिरीह में चार बच्चों के साथ कर्मचारियों के द्वारामारपीट की शिकायत मिली है, इन सब की पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी, यह यह घटना अति निंदनीय एवं काफी दुखद है प्रशासन को इस पर संज्ञान लेते हुए निष्पक्ष जांच का आदेश देकर हकीकत को उजागर करना चाहिए ,यह मांग ए आई एम आई एम के अध्यक्ष नबी अल हक ने की है. मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी चंपारण में रखे गए 18 बच्चों को भी उनके गार्जियन को सुखद का दिया गया है

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