पहचानकर्ता के अभाव में सुदूर थाना की अभिरक्षा में पड़ा है मजदूरों का शव

भैरोगंज। बिटिया की धूमधाम से शादी हो, इस मंशा से परदेस गए स्थानीय मजदूर की सड़क दुर्घटना में हृदय विदारक मौत से गाँव मे आज भी मातमी सन्नाटा पसरा है । इस सन्नाटे को मृतक की बेवा पत्नी और इकलौती पुत्री के घर से रुक रुक कर निकलती उनकी सिसकियां और रुदन , वातवरण को और अधिक गहरे मातम में बदल रहा है ।

दरअसल इस दुर्घटना में भैरोगंज थाना के इनारबरवा निवासी विपिन मुखिया पिता स्व0 विश्वनाथ मुखिया के अलावा उसके अन्य 8 सगे-संबंधियों समेत चालक की मौत हो गई है । वैसे यह घटना यहाँ से सैकडों किलोमीटर दूर जम्मू कश्मीर राजमार्ग के रामबन की बताई जा रही है । मृतक विपिन मुखिया अपने पीछे पत्नी इंदु देवी और इकलौती संतान सोलह बर्षीय गुंजा कुमारी को निराश्रित छोड़ गया है । गुंजा की शिक्षा राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय भैरोगंज (हिंदी) में आठवीं तक पूरी हो गई है । 

उसके सपने और अरमान पढ़लिखकर कुछ कर दिखाने का था । पर घर की माली हालत विपरीत थे । पिता विपिन को बिटिया के हाथ पीले करने की चिंता खाये जा रही थी । मजदूरी के भरोसे परिवार का भरण पोषण होता था और कमाने वाला एकमात्र विपिन ही था । घर मे राशनकार्ड था पर उसमें केवल विपिन मुखिया का ही नाम दर्ज था । इस तरह इस परिवार पर दुखों का जैसे पहाड़ गिर पड़ा है । पत्नी इंदु देवी का बुरा हाल है । 

विपिन के भाई धुरन मुखिया का कहना है दोनों भाई अलग हो कर अपने परिवार की जिम्मेवारी संभालते थे । उसने बताया कि तकरीबन 21 -22 बर्ष पहले विपिन की शादी पिपरासी थाना के सिरपतनगर निवासी स्वामीनाथ बिंद की पुत्री इंदु से हुई थी । घर की माली हालत बदतर रहने और आसपास रोजी रोजगार के अभाव के कारण उसे बाहर जाकर मजदूरी करना पड़ता था । वह दूसरी बार पावापुरी जा रहा था । वहाँ सभी लोग नदी से रेत निकलने का काम करते थे । घटना को लेकर अभी तक सरकार या प्रशासनिक तौर किसी तरह की मदद नहीं मिली है । फिलहाल इस घटना से पुत्री गुंजा के सभी अरमान धरासायी हो गए हैं । गुंजा ने बताया कि वो दूसरी बार कमाने के लिए घर से निकले थे । उसने यह भी बताया कि वह आंतरिक आशंका वश पिता को जाने से मना किया था ,

पर विपिन ने उसे कहा कि वह कमाएगा नही तो घर की जिम्मेदारी व उसके हाथ पीले कैसे होंगे ? आखिरकार वह 27 मार्च को दिन के 10 बजे घर से निकल गया । उसे भैरोगंज रेलवे स्टेशन से सत्याग्रह एक्सप्रेस पकड़नी थी । उसके साथ उसका साला अवधेश मुखिया, व इंद्रजीत मुखिया ,साढू नौरंगिया सिरिसिया निवासी रामबेलास,सोहसा के संदीप मुखिया समेत 9 लोग मजदूरी करने निकले थे । गुंजा की मानें तो 29 मार्च को तकरीबन 6 बजे शाम पिता से उसकी बात मोबाईल से हुई थी । पिता ने बताया कि होटल में खाना खाने के बाद वे लोग चारपहिया से गंतव्य के लिए निकल जाएंगे । पर नियति को कुछ और मंजूर था । 

जैसा कि बताया जा रहा है कि उसी रोज देर रात उनकी गाड़ी जम्मू कश्मीर के रामवन ईलाके में दुर्घटग्रस्त हो कर करीब 3 सौ फीट गहरे खाई में गिर गई । जिसमें सभी लोग असमय काल के गाल में समा गए । इस घटना की सूचना घरवालों को अगले दिन स्थानीय पुलिस के हवाले से मिली । परिजनों का कहना है कि वहाँ शवों का पुलिस ने अंत्यपरीक्षण करा लिया है । 

लेकिन पहचानकर्ता के बिना शव वहीं पड़ा है । इनलोगों ने बताया कि पहचानकर्ता रवाना हो गए हैं । उधर मृतक के दरवाजे पर लोगों का आनेजाने का सिलसिला लगा हुआ है । जितनी मुँह उतनी चर्चाएं हैं । इनमें उनलोगों की संख्या अधिक है जो यह मानते हैं कि यहाँ रोजी रोजगार के साधन सुलभ नहीं हैं । अतः मजदूरी करने अन्य प्रदेशों में जाना पड़ता है और हर तरह का जोखिम उठाना पड़ता है ।

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