व्यापक विपक्षी एकता को देखते हुए महागठबंधन से भाकपा (माले) ने राज्य के 8 के बदले 3 सीटों पर लड़ने की सहमती दिया है:- माले
बैठक में गठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने का निर्णय: माले
बेतिया - देश में संप्रदायिक फासीवादी मोदी सरकार द्वारा देश के संविधान, कानून, लोकतंत्र को खत्म कर दिया गया है। चुनावी चंदा के नाम पर पुंजीपतियों से E.D, C.B.I. का भय दिखा करोड़ों रुपया का घोटाला किया गया है और विपक्षी गठबंधन के नेताओं, झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में डालकर, कांग्रेस का चुनावी कोष जप्त कर अकेले भाजपा चुनाव लड़ना चाहती है। ऐसे संकट के दौर में बिहार के इंडिया महागठबंधन की ब्यापक एकता को देखते हुए भाकपा (माले) ने वल्मीकिनगर लोकसभा सीट समेत 8 सीटों पर अपने लड़ने के निर्णय के विरूद्ध महागठबंधन के सीट शेयरिंग के तहत मिले आरा, काराकाट और नालंदा पर ही लड़ने का निर्णय लिया है। तथा इंडिया महागठबंधन के जो भी प्रत्याभी होंगे भाकपा (माले) मजबूती के साथ मदद करेगा।
उक्त बाते माले नेता सुनील कुमार राव ने बताते हुए कहा बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की गोलबंदी शुरू कर दिया गया है। चम्पारण से भाजपा को उखाड़ फेडने की जबाबदेही यहां के किसानों, मजदूरों, छात्रों, युवाओं, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के कंधे पर है, के साथ भाकपा माले मिलकर उसे बखूबी निभायेगा और भाजपा जैसी सांप्रदायिक-फासिवादी ताकतों का सफाया होगा।
बैठक को संबोधित करते हुए इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार मोदी शासन की पहचान बन गई है। रोजगार और न्याय की मांग करने वाले युवाओं, महिलाओं किसानों पर लाठीयां चलाई जा रही है। छात्र, युवा, महिलाएं और किसान मिलकर भाजपा को सबक सिखाएंगे।
कार्यक्रम में जिला सचिव अरुण जी, नवीन झा, इस्लाम अंसारी, दिनेश पटेल, वीरेंद्र पासवान, संजय मुखिया, रुस्तम अली, संजय राम, झुन्नु सिंह, गुडू मिश्र, लालबाबू पासवान, अजीत पूरी, शौकत अली, शिवजी पटेल, आदि मौजूद थे।
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