दमन व जेल के जरिए दलित-गरीबों व सामाजिक न्याय की आवाज दबाई नहीं जा सकती: माले

भाकपा-माले ने प्रतिवाद मार्च निकालकर कलेक्ट्रेट पर बेतिया में सभा किया

बेतिया 14फरवरी 2024। भाकपा-माले नेता सह किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा है कि आरा व्यवहार न्यायालय द्वारा मंगलवार को अगिआंव से माले विधायक का. मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है.बिहार में सरकार बदलते ही गरीबो और उसके मुखर आवाज को दबाने की शुरुआत हो गयी है। 

सरकार बदलने के बाद यह बिहार और सामाजिक न्याय के तबकों के खिलाफ भाजपा नीत नीतीश नेतृत्व वाले एनडीए सरकार का दूसरा बड़ा हमला है।

इंकलाबी नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि मनोज मंजिल जो ""सड़क पर स्कूल" आंदोलन के चर्चित नेता व दलित- गरीबों के "वास-आवास" आंदोलन और "कोरोना काल में जन सेवा" की मिसाल कायम करने वाले माले के युवा विधायक है इन्हें भाजपाई साजिश का शिकार बनाया गया है। भाजपाई जब सीधे तौर से नही निबट सकते तो इस तरह छल प्रपंच कर गरीबो दलितों ,सामाजिक न्याय आंदोलन के अगुआ नेता की आवाज को कुचलने में लगी है। 

माले नेता सह मुखिया संघ के प्रवक्ता नवीन कुमार ने कहा कि बाथे-बथानी से मियांपुर जनसंहार में सैंकडो गरीब दलितों,महिलाओं-बच्चों तक के जघन्य हत्यारे रणवीर सेना के अततायी सामूहिक जनसंहारकर्ता सभी रिहा हो गए। कोर्ट तक ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया। माले नेता संजय यादव ने कहा कि टाडा कानून रद्द होने के बाद भी बुजुर्ग व चर्चित माले नेता साह चांद सहित दर्जनों नेता टाडा में सजायाफ्ता हो गए और साह चांद सहित अनेकों की मौत जेल में हो गयी। नेताओं ने कहा कि दमन व जेल के जरिए दलित-गरीबों व सामाजिक न्याय की आवाज दबाई नहीं जा सकता है। प्रतिवाद मार्च में सुरेंद्र चौधरी,रामबाबू महतो,तारकेश्वर यादव, ओमप्रकाश मांझी, धर्म कुशवाहा,मोजमिल हुसैन, हारून गद्दी, मनबोध साह, आदि मौजूद थे।

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