गरीब की बेटी नवोदय परीक्षा उतिर्ण होने के बाद भी एसएलसी सत्यापन के लिए खटखटा रही है, अधिकारियों की दरवाजा
जिलाधिकारी से लेकर शिक्षा पदाधिकारी व एसडीएम बगहा से लगाई न्याय की गुहार
कहीं से नहीं मिला न्याय, पीड़ित सिकंदर राम दर दर की ठोकरें खाने पर विवश
बगहा-परित्याग प्रमाण पत्र के सत्यापन को लेकर बगहा नगर के गांधीनगर वार्ड 18 की खुशी कुमार अपने पिता सिकंदर राम के साथ विगत कई दिनों से विभिन्न कार्यालयों में दर दर भटक रही हैं,लेकिन इनकी फरियाद कोई सुन नहीं रहा हैं।सिर्फ एक हस्ताक्षर से खुशी कुमारी का भविष्य उज्ज्वल होता हैं।
लेकिन निजी विद्यालय के क्यू आर कोड नहीं होने के चलते हस्ताक्षर नहीं किया जा रहा हैं।जिसके चलते गांधीनगर निवासी सिकंदर राम की पुत्री खुशी ने नवोदय की परीक्षा उत्तीर्ण की। वह जिस स्कूल से फार्म भरी थी अब उसका निबंधन नहीं है।
खुशी उत्तीर्ण होकर भी नामांकन से वंचित है। उसके पिता पूरा डिटेल लिख अपने शरीर पर लटकाकर घूम रहे है।समाचार के मुताबिक बगहा के गांधीनगर निवासी सिकंदर राम की पुत्री खुशी कुमारी ने एक नहीं दो-दो संस्थान के प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा के लिए चयनित हुई है।जिसमें पहला जवाहर नवोदय विद्यालय वृदावन और दूसरा सैनिक स्कूल के चयनित हुई हैं।
लेकिन परित्याग प्रमाण पत्र के सत्यापन नहीं होने चलते विद्यालयों में नामांकन नहीं मिल पा रहा हैं।जिसको लेकर खुशी कुमारी के पिता सिकंदर राम ने अनोखे अंदाज में विरोध जा रहा हैं।इस संबधित पूरा डिटेल लिख अपने शरीर पर लटकाकर घूम रहे है साथ ही बगहा अनुमंडल पदाधिकारी और जिला पदाधिकारी पश्चिमी को आवदेन देकर गुहार लगाया हैं की मेरी बेटी खुशी कुमारी का नवोदय विद्यालय वृंदावन के प्रवेश परीक्षा सत्र 2022-23 में उत्तीर्ण हुई है, सभी कागजात पूरा हैं।
सिर्फ निजी विद्यालय के परित्याग प्रमाण पत्र पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बगहा एक से हस्ताक्षर करना हैं।किंतु उक्त निजी विद्यालय का रजिस्ट्रेशन 2019 से 2021 तक ही था।अनुमंडल पदाधिकारी और जिला पदाधिकारी ने निवेदन हैं कि मेरी बेटी खुशी कुमारी का परित्याग प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर कराने की अनुमति दी जाए।जिससे मेरी बेटी का भविष्य बन सके। लेकिन बावजूद आला अधिकारियों से कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा हैं ना ही जनप्रतिनिधियों से।
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