किसानों को 45 रुपये बोनस देकर सरकार गन्ना मूल्य 400 रुपये प्रति किवंटल भुगतान की गारंटी करे: किसान महासभा

बेतिया - बिहार राज्य गन्ना उत्पादक किसान महासभा के जिला अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय पार्षद सुनील कुमार राव ने कहा कि तीन साल के लंबे संघर्ष के बाद गन्ना पेराई सत्र 2023-24 का गन्ना मूल्य में 15 से 20 रुपये की वृद्धि का स्वागत किया है लेकिन इसे खेती लागत खर्च से बहुत कम बताया है । उन्होंने कहा कि पिछले दो पेराई सत्र में गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया। खेती में लागत खर्च काफी बढ़ गया है। 

फेयर एंड रेम्यूनेरेटिव प्राइस (FRP) पिछले दो और वर्त्तमान पेराई सत्र को मिलाकर 30 रूपया बढ़ाया गया। अगर उसे भी जोड़कर प्रतिवर्ष चीनी मिलें किसानों को भुगतान करती तो आज गन्ना मूल्य 365 रूपया होता। लेकिन चीनी मिलों की मनमानी के वजह से किसान हैरान-परेशान है। 

किसान पिछले कई वर्षों से गन्ना रेट 400/- रूपया प्रति किवंटल करने की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना पेराई सत्र शुरू होने के बाद निवर्तमान गन्ना मंत्री ने कहा था कि गन्ना मूल्य किसानों के मांग के अनुरूप नहीं तो सम्मान जनक बढ़या जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 

गन्ना मूल्य तय करने में चीनी मिलों की मनमानी चली। हमारी मांग है कि सरकार 45 रुपये प्रति किवंटल बोनस देकर 400/- प्रति किवंटल भुगतान करने का चीनी मिलों को आदेश जारी करे। यहाँ उल्लेखनीय है कि सरकार ने चीनी मिलों के साथ बैठक कर गन्ना मूल्य के तीनों वेराइटी क्रमशः अगात के लिए 355 रुपये, सामान्य के लिए 335 रूपये और लेट के लिए 300 रुपये प्रति किवंटल भुगतान करने का आदेश जारी किया है। जबकि पुर्व में यह मूल्य क्रमशः 335,315 एवं 285 रूपये था।

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