लौरिया - नंदनगढ़ का बौद्ध स्तूप अद्भुत और विश्वस्तरीय है। ऐसा बौद्ध स्तूप विश्व में और कहीं नहीं है। यहां आकर बहुत शांति और खुशी मिल रही है। उक्त बातें बुधवार को साउथ कोरिया से नंदनगढ़ पहुंचकर भगवान बुद्ध का पूजा अर्चना करने के मॉन्क लीम जंग सुक ने कही। उन्होंने कहा कि यह भगवान बुद्ध का सबसे बड़ा और दार्शनिक बौद्ध स्तूप है। मैं यहां पहली बार आया हूं। अगली बार जब आऊंगा तो साउथ कोरिया के सैकड़ों बौधिष्टों को लाऊंगा।
दूसरे मॉन्क लीम सांग सूक ने द्विभाषीय सत्येंद्र सिंह के माध्यम से कहा कि यहां हमसब आकर अपने को बहुत भाग्यशाली समझ रहे हैं। यह मान लीजिए कि हमारा मानव जन्म लेना सार्थक हो गया। उन्होंने कहा कि हमारे साथ कुल 12 व्यक्ति आए हुए हैं। इसमें कुछ मॉन्क हैं तो कुछ अनुयाई हैं।
उन्होंने बताया कि हमसब राजगीर, वैशाली, केसरिया होते हुए लौरिया के अशोक स्तंभ पर आकर अपने इष्ट देव बुद्ध का दर्शन कर रहे हैं। यहां के बाद हमसब कुशीनगर जाएंगे। इन्होंने कहा कि यहां पहुंचकर आत्मीय खुशी हुई है, जिसे बया नहीं किया जा सकता है। अन्य बौधिष्टो में चो योग सूक, सीन यू लीम, चो यू लिम आदि मौजूद थे।
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