आज अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर जिला कार्यालय मीना बाजार बेतिया में माकपा सचिव मंडल सदस्य म॰हनीफ की अध्यक्षता में सेमिनार का आयोजन किया गया,जिसका संचालन माकपा जिला कमेटी सदस्य विनोद नरूला ने किया।
संयुक्त राष्ट्र ने, प्रत्येक वर्ष 18 दिसम्बर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने का आह्वान करते हुए 1992 में अल्पसंख्यक की वैश्विक परिभाषा भी दिया कि; " किसी भी देश में रहने वाले ऐसे समुदाय जो संख्या की दृष्टि से कम हों और सामाजिक, राजनैतिक तथा आर्थिक रूप से कमजोर हों, जिनकी प्रजाति, धर्म, भाषा आदि बहुसंख्यकों से अलग होते हुए भी राष्ट्र निर्माण, विकास, एकता, संस्कृति, परम्परा और राष्ट्रीय भाषा को बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हों, तो ऐसे समुदायों को उस राष्ट्र-राज्य में अल्पसंख्यक मानी जायेगी। माकपा के जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव ने उपरोक्त आशय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों की प्रगति के लिये निर्धारित राशि में 38 प्रतिशत की बजट में कटौती कर केन्द्र सरकार ने यह साबित कर दिया है कि उनके विकास के प्रति पूरी तरह उदासीन है।
सेमिनार को प्रो॰ शमशुल हक, शिक्षक मोजिबूल हक, जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष डा॰ जाकिर हुसैन जाकिर, कांग्रेस के कलाम जौहरी, माकपा के प्रकाश कुमार वर्मा ने अपनी बातों को रखा।
आज के सेमिनार में माकपा सोशल मीडिया संयोजक नीरज बरनवाल,म॰वहीद,म॰सहीम,
सदरे आलम, रशीद मियां के साथ और भी साथी मौजूद थे।
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