सोवियत क्रान्ति दिवस और माकपा स्थापना दिवस बेतिया में मनाया गया

बेतिया -7 नवंबर सोवियत क्रांति दिवस तथा भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की 59 वीं स्थापना दिवस के अवसर पर आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला कार्यालय मीना बाजार में उपलब्ध साथियों की बैठक हुई । 

बैठक में पार्टी की बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने विस्तार से सोवियत क्रांति के बारे में बतलाया तथा सोवियत क्रांति के प्रभाव से दुनिया के 18 देश में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी । जिसे वर्षा संधि के नाम से जाना गया । जो साम्राज्यवादी देशों के नाटो ग्रुप से लगातार संघर्ष करता रहा । लेकिन सोवियत संघ के पराभव के बाद आज परिस्थिति में परिवर्तन हुआ है। साम्राज्यवाद लगातार समाजवादी देशों तथा नव स्वतंत्र देशों के खिलाफ लड़ाई कर रहा है। हमें इसका मुकाबला करना है।

 उन्होंने भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के बारे में बताया कि आजादी के बाद जब देश में जवाहर लाल नेहरू की हुकूमत बनी । तभी से कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर सत्ता का समर्थन और विरोध के विचार बैठकों में आने लगे थे । लेकिन बहुमत के आधार पर नेहरू सरकार का समर्थन कम्युनिस्ट पार्टी करती रही ।

 जब कम्युनिस्ट पार्टी की सातवीं कांग्रेस 1964 में 31 अक्टूबर से 7 नवम्बर तक चल रहा था । तो एक बार फिर यह मुद्दा गर्म हो गया और पार्टी का एक हिस्सा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से अपना रिश्ता तोड़ लिया और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नाम से वह जनता के बीच में आई । वह दिन 7 नवंबर 1964 था । तब से पूरे देश में मजदूर वर्ग की रक्षा के लिए सत्ता के विरुद्ध राजनीति और सत्ता पक्षी राजनीति के बीच दरार बढ़ता गया और जो वर्ग संघर्ष के आधार पर मजदूर ,किसानों , खेत मजदूर के लिए सत्ता पक्ष के विरुद्ध संघर्ष कर रही थी। वह भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) थी । यही कारण था कि का. ई एम एस नंबूदीरिपाद के नेतृत्व में केरल में 1967 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी । 1977 में पश्चिम बंगाल में का. ज्योति बसु के नेतृत्व में सरकार बन गई । जबकि 1978 में का. नृपेण चक्रवर्ती के नेतृत्व में त्रिपुरा में सरकार बन गई।

 आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवाद,लेनिनवाद तथा स्टालिन के मार्ग पर लगातार चल रही है। यहीं कारण है कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) भारत की सबसे बड़ी और संघर्षशील पार्टी बन गई है । साथ ही दुनिया के कम्युनिस्ट पार्टियों में एक मजबूत स्तंभ के रुप में जानी जाती है। आज पार्टी के 69 वें स्थापना दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेना है कि पार्टी द्वारा निर्धारित नीतियों के राह पर चल कर क्रान्ति के मार्ग को और प्रशस्त करना है।

स्थापना दिवस पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता का. चांदसी प्रसाद यादव ने की। शंकर कुमार राव , म. हनीफ , नीरज बरनवाल, प्रकाश वर्मा , रामेश्वर पाण्डेय आदि ने विचार व्यक्त किए।

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