'जो मजदूर-किसान की बात करेगा – वही देश पर राज करेगा' व 'संविधान पर हमला नहीं सहेंगे – अपना हक हम लेकर रहेंगे' के आह्वान के साथ 26, 27 व 28 नवम्बर को राजभवन के समक्ष पटना में आयोजित देशव्यापी मजदूर-किसान महापड़ाव को लेकर पश्चिम चम्पारण में किसान- मजदूर संघर्ष यात्रा निकाला गया, संघर्ष यात्रा की सुरूवात बेतिया तीन लालटेन चौक स्थित शहीद भगत सिंह और जिला समाहरणालय गेट स्थित बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की मुर्ति पर किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव, इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा, भाकपा माले नेता सुरेन्द्र चौधरी, अनिल गुप्ता आदि नेताओं द्वारा माल्यार्पण कर नुक्कड़ सभा किया गया।
सभा को मुख्य रुप से सुनील कुमार राव, फरहान राजा, सुरेन्द्र चौधरी आदि नेताओं ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में कहा कि केंद्र सरकार ने मंहगाई बढ़ाकर कृषि लागत को लगभग दुगुना कर दिया, तीन सालों से गन्ना मूल्य में एक पैसा भी बृध्दि नहीं हुआ है, आम लोगों के जीवन को संकट मे डाल दिया। बेरोजगारी, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण ने मजदूर-किसान परिवारों की ज़िन्दगी सांसत में डाल दी। कोरोना काल में उसने मजदूरों पर हमला बोलते हुए व मजदूर हित के श्रम कानूनों को खत्म कर मालिक पक्षीय 4 लेबर कोड लाया है और काम के आठ घंटे की बजाए बढ़ाकर बारह घंटे कर दिया। आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन के अधिकार पर चौतरफा हमले बोल दिए गए।
मोदी सरकार ने अडानी समेत बड़े कारपोरेट घरानों के लाखों-लाख करोड़ के कर्ज माफ कर दिया है और दूसरी तरफ किताब- कापी, रोटी-दाल व लाश फूंकने पर जीएसटी लगाकर आम आदमी को निचोड़ना जारी रखा है। एक तरफ फाइव ट्रिलियन इकोनॉमी का सब्जबाग है और दूसरी तरफ भुखमरी के वैश्विक सूचकांक में लगातार लुढ़कता हुआ, भारत (125 देशों की सूची में भारत 111वें स्थान पर) है! केंद्र के मोदी सरकार की इन मजदूर-किसान व आम नागरिक विरोधी नीतियों-कार्रवाइयों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों व मजदूरों संगठनों के देशव्यापी आह्वान पर पटना में राजभवन के समक्ष 26, 27 व 28 नवम्बर को तीन दिवसीय महापड़ाव में हजारों हजार की संख्या में भाग लेने का आह्वान किया ।
नेताओं ने कहा कि मजदूर-किसान संघर्ष यात्रा 22-23-24-25 तक जिले भर में चलेगा और जगह जगह बाजारों में नुकड़ सभा कर पटना चलने का आह्वान करेंगे।
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