फासीवादी राज के खिलाफ आंदोलन को गति देगा खेग्रामस का सातवां सम्मेलन

बेतिया-चंपारण की धरती एक बार फिर इतिहास दोहराएगी । भारतीय लोकतंत्र को कम्पनी राज के हवाले कर जिस तरह से मोदी • सरकार ने लूटतंत्र का विकास किया वह गरीब जनता, बेरोजगार युवा और फटेहाल किसान मजदूरों को अब बर्दाश्त नहीं है। 

चार एवं पांच नवम्बर को बेतिया में आयोजित अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा का सातवां राज्य सम्मेलन फासीवादी कम्पनी राज के खिलाफ देश भर में चल रही लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा । ये बातें मंगलवार को बेतिया भाकपा माले के जिला कार्यालय में आयोजित तैयारी बैठक में सिकटा विधायक व माले के राज्य कार्यकारिणी सदस्य वीरेन्द्र गुप्ता ने कही.

उन्होंने कहा कि आज अपने देश को नफरत व उन्माद की राजनीति से फासीवादी कम्पनी राज में बदल दिया गया है, जहां गरीबों की कोई नहीं सुनता। हर तरफ उसका दमन हो रहा है । उन्होंने बताया कि सम्मेलन में गरीबों के वास आवास लिए कानून, मनरेगा में दो सौ दिन काम और छह सौ रूपये मजदूरी, तीन हजार रूपये प्रतिमाह पेंशन, गरीबों के लिए दो सौ यूनिट फ्री बिजली, जातीय जनगणना सर्वे के आधार पर आरक्षण के दायरे का विस्तार व भूमि सुधार करने जैसी प्रमुख मांगों की कार्य दिशा पर विमर्श होगा। सम्मेलन में देश भर के दो हजार से अधिक डेलीगेट होंगे

जिन्हें भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट टाचार्य, एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट के पूर्व निदेशक प्रो डीएम दिवाकर, प्रो विद्यार्थी विकास, माले के राज्य सचिव कुणाल, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, विधायक दल के नेता महबूब आलम समेत कई प्रमुख नेता संबोधित करेंगे ।

तैयारी बैठक में जिले के प्रमुख नेता अरुण कुमार, सुनील यादव, सुनील कुमार राव, विशुनदेव यादव, सुरेन्द्र चौधरी, फरहान रजा, लालजी यादव, अच्छे लाल राम, सीताराम राम, वीरेन्द्र पासवान, ज्वाहर प्रसाद आदि शामिल थे। राज्य कमेटी सदस्य सुनील यादव ने बताया कि सम्मेलन की तैयारी में वाम लोकतांत्रिक नागरिक समाज पुरजोर तरीके से जुटा हुआ। जिला मुख्यालय के सभी प्रमुख मार्गों पर झंडा, बैनर लगाने व तोरणद्वार बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है । बापू सभागार में आयोजित उक्त सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाया जाएगा जिसका फलाफल एक तेज व निर्णायक जन आंदोलन के रूप में सामने आएगा

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