भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन संपन्न

बेतिया | भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चंपारण का जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन बेतिया में संपन्न हुआ । सम्मेलन को पार्टी के पुलिस ब्यूरो सदस्य कामरेड डॉक्टर अशोक ढवले , राज्य सचिव का. ललन चौधरी , केंद्रीय कमेटी के सदस्य का. अवधेश कुमार ,बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने संबोधित किया। 

कार्यकर्ता सम्मेलन की अध्यक्षता पार्टी के पश्चिमी चंपारण जिला कमेटी के सचिव चांदसी प्रसाद यादव ने किया । कार्यकर्त्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य तथा अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का . अशोक ढवले ने बताया कि 2014 में 15 लाख रुपए सभी के खाते में देने को कहा था। लेकिन एक रुपए नहीं मिले । 

2019 में कहा कि हर साल 2 करोड़ नौजवानों को रोजगार देने की बात भी जुमला निकला। 2014 में गैस 4 सौ रुपए था। जो 12 सौ रुपए हो गया। गन्ना की कीमत 5 सौ रुपए मांग कर रहे हैं। लेकिन नहीं मिल रहा है। धान की कीमत 16 सौ रुपए क्विंटल है । जबकि केरल में हमारी पार्टी की सरकार 2080 रुपए दे रही है। मोदी सरकार में औरतों के साथ बलात्कार हुए । 2002 में मोदी सरकार गुजरात में बिल्किस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया और बलात्कारियों के रिहा होने पर भाजपा कार्यालय में माला पहनाया गया और मिठाइयां बांटी गई । आज 70 % लोगों के पास मात्र 3% पूंजी है. जबकि 3% लोगों के बाद 73% पूंजी है। आज विपक्ष की एकता इंडिया गठबंधन काफी मजबूत हुआ है , जो भाजपा को हराएगा। उन्होंने कहा कि 26 से 28 नवंबर तक राजभवन पटना पर 72 घंटे का महापड़ाव है। उसमे भारी संख्या में हमें पहुंचना है। कार्यकर्त्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य सचिव का. ललन चौधरी ने बताया कि भूमि आंदोलन पर जोर दिया । सभी भूमिहीनों को वासगीत जमीन लेने के लिए आगे बढ़ने पर बल दिया। बिहार में होने वाले बड़ी लड़ाई की शुरुआत पश्चिम चम्पारण से हो। 

कार्यकर्त्ता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय कमिटी सदस्य का. अवधेश कुमार ने कहा कि जबसे मोदी की सरकार बनी तब से बिहार में सामंती ताकतें मजबूत हुई हैं। गरीबों पर, बटाईदारों पर, पर्चा धारियों पर हमले बढ़े हैं। इनका चेहरा दलित विरोधी, अति पिछड़ा विरोधी है, आदिवासी विरोधी है। इसका चेहरा बेनकाब हो चुका है। ये जातिय जनगणना नहीं चाहते । 2024 के चुनाव में भाजपा और मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना है। सम्मेलन को बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने चंपारण के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चंपारण गांधी का कर्मभूमि है। यहीं से उन्होंने राजनीतिक लड़ाई की शुरुआत की थी। यहां निलहों के खिलाफ चल किसान आंदोलन और ब्रिटिश शासको द्वारा किए जा रहे दमन के खिलाफ किसान एकजुट हो रहे थे । चम्पारण में अंग्रेजों के खिलाफ 1907 में शेख गुलाब के नेतृत्व में भारी संख्या में किसान गोलबंद होकर अंग्रेज भगाओ आंदोलन शुरू किए थे । 1917 में 22 अप्रैल को गांधी जी के बेतिया आगमन पर 10000 से ज्यादा की संख्या में किसान उनकी अगवाई में बेतिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे गांधी के आने के बाद नील की खेती और तीन कठिया प्रथा समाप्त हुआ और चंपारण के किसानों ने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा की उपाधि दी। तब से गांधी जी के नाम में महात्मा जुट गया । जो चंपारण के किसानों का देन था। 

सभा को प्रभुनाथ गुप्ता , रामा यादव, हरेंद्र प्रसाद, म. हनीफ , प्रकाश वर्मा , शंकर कुमार राव, नीरज बरनवाल , सुशील श्रीवास्तव , म.वहीद , शंकर दयाल गुप्ता, मनोज कुशवाहा , जगरनाथ यादव, सुनील यादव , सदरे आलम आदि ने अपने विचार रखे।

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