जनपक्षीय पत्रकारों/ मिडिया पर मोदी सरकार के साजिशपूर्ण हमले पत्रकारों पर हमला फासीवादी हमला हैं- सुरेंद्र चौधरी
बेतिया -दिल्ली में पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह, अनिंदो चक्रवर्ती, परंजय गुहा ठाकुरता, अभिसार सहित 46 पत्रकारों पर यू ए पी ए के तहत मुकदमा दर्ज कर डराने धमकाने और जेलों में बंद करने के खिलाफ भाकपा माले और इंकलाबी नौजवान सभा ने बेतिया जिला समाहरणालय के समक्ष प्रतिवाद सभा किया। और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर मोदी सरकार के हमला को तीखे शब्दों में निन्दा किया।
सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा-माले जिला कमेटी सदस्य सह अखिल भारतीय किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि ये सारे पत्रकार मोदी सरकार के चरण बन्दना छोड़ कर जन पक्षीय पत्रकारिता कर रहे है इसीलिए ये सभी पत्रकार मोदी सरकार के निशाने पर हैं, आगे कहा कि मोदी सरकार के आदेश पर पुलिस ने इनपर यू ए पी ए के तहत मुकदमा दायर कर जांच शुरू कर दिया है। हो सकता है कभी भी किसी बहाने इनका मुंह बंद कराने के लिए इन्हें हमेशा हमेशा के लिए जेलों में डाला जा सकता है, बेतिया में भी कुछ स्वतंत्र पत्रकारो पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। मोदी सरकार पूरे देश में भय पैदा कर रही है, ताकि कोई भी सरकार की आलोचना करने की हिम्मत नहीं करें, हम कह सकते हैं कि देश में फासीवादी सरकार चल रही है जहां अब बोलने लिखने, अपने हक़ की लड़ाई करने की मनाही है। इस फासीवाद मोदी सरकार को 2024 में उखाड़ फेंकना होगा तभी हमारे देश में संविधान लोकतंत्र बच पाएगा।
सभा को इंकलाबी नौजवान सभा (आर वाई ए) जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पर लगातार हमला जारी है. जिन पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस द्वारा छापा मारा गया है, वे दशकों से निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं और हमेशा से ही सत्ता को आईना दिखाने का काम करते रहे हैं. ऐसे पत्रकारों पर छापेमारी करके केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस न केवल इन पत्रकारों को जनसरोकारों के पक्ष में खड़े रहने के लिए धमकाने की कोशिश कर रही है बल्कि वह, इनसे इतर भी जो पत्रकार जनसरोकारों से जुड़े हैं, उन्हें भी भयाक्रांत करने की कोशिश कर रही है.आगे कहा कि हम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला नहीं सहेंगे।
राजद जिलाध्यक्ष साहेब हुसैन अंसारी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश में केवल अपना गुणगान करने वाला चारण मीडिया चाहता है, जिसे लोकप्रिय तौर पर गोदी मीडिया कहा जा रहा है. सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बंद करें, आगे कहा कि संविधान और लोकतंत्र विरोधी है मोदी सरकार।
बैरिया मुखिया नवीन कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की इस कार्यवाही के बाद दुनिया भर में प्रेस स्वतंत्रता के मामले में देश की साख और रसातल को जाएगी. हम तत्काल मीडिया की स्वतंत्रता पर हमले की इस कार्यवाही को रोके जाने की मांग करते।
सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए और इस मुल्क में बीते साढ़े नौ साल से बरपाई गयी तबाही के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.आगे कहा कि पत्रकारों पर हमला फासीवादी हमला हैं-
इनके अलावा सलामत बाबू, अखलाक अहमद, बिनोद कुशवाहा, मुखिया नवीन कुमार, धामू चौधरी, राजेन्द्र प्रसाद, मुजम्मिल मियां, सुरेंद्र साह लोगों ने भी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऐसे में हमे अपने पत्रकारों के पक्ष में खड़ा होने की जरूरत है।
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