सफाई एजेंसी 'पाथ्या' पर कार्रवाई से विभाग के बाद नगर आयुक्त ने भी अपनी गलती स्वीकारी: गरिमा


बेतिया। नगर विकास एवं आवास विभाग अपर मुख्य सचिव के आदेश पर नगर आयुक्त शंभू कुमार ने नगर निगम के साथ अनुबंध वाली सफाई एजेंसी 'पाथ्या' का अनुबंध रद्द करने का नोटिस जारी किया है। अपने पत्र में अपर मुख्य सचिव के आदेश को कोट करते हुए नगर आयुक्त ने लिखा है कि "मैन पॉवर और टनेज को मिश्रित किए जाने के कारण खर्च कइगुना बढ़ गया है। 

एकरारनामा की अवधि भी दो या तीन वर्षों से अधिक नहीं होनी चाहिए। एकरारनामा की शर्त के अनुसार नोटिस देकर इस एकरारनामा को विहित प्रक्रिया के तहत रद्द करने की कार्रवाई करें, एवम सशक्त समिति से टर्म कंडीसन की स्वीकृति कराकर पुनः निविदा जारी करें।" 

उल्लेखनीय है कि महापौर गरिमा देवी सिकारिया द्वारा विगत 15 जून को ही अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। 18 अक्तूबर को जारी आदेश में नगर आयुक्त ने एग्रीमेंट का हवाला देते हुए 30 दिन बाद 'पाथ्या' का अनुबंध स्वत: समाप्त हो जाने का उल्लेख किया है।अपर मुख्य सचिव के स्तर से कड़ा रुख अपनाने के बाद भी विगत एक अक्तूबर को जारी आदेश में यथाशीघ्र त्वरित कार्रवाई के आदेश का अनुपालन दो सप्ताह लगा देने पर महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने एक बार फिर सवाल उठाया है। यहां उल्लेखनीय है कि महापौर श्रीमती सिकारिया के द्वारा कुल 29 नगर पार्षदगण की लिखित शिकायत को आधार बनाते हुए अपर मुख्य सचिव से अनेक बिंदुओं पर जांच के बाद त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया था। 

महापौर और पार्षदगण ने नगर आयुक्त शंभू कुमार के सम्पूर्ण कार्यकाल में विभिन्न मद से संसाधनों की खरीदारी, दवा छिड़काव, एजेंसियों के चयन, रंग-रोगन इत्यादि में बड़े पैमाने पर मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप सामूहिक लगाए गए हैं। करोड़ों की खरीददारी व भुगतान के साथ एजेंसियो के चयन और उनके कार्यकलाप इत्यादि में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की गई थी। 29 पार्षदगण के आवेदन के आलोक में महापौर ने नगर आयुक्त शंभू कुमार के पूरे कार्यकाल में की गई खरीददारी, दवा छिड़काव, एजेंसियों के चयन यथा पाथ्या, स्पैरो आदि की कारगुजारी और भुगतान के अतिरिक्त सभी प्रकार की आय और व्यय की उच्चस्तरीय बिन्दुवार जांच कराने के बाद विधि सम्मत कार्रवाई का अनुरोध किया था। शिकायत की विभाग से जांच के बाद विभाग की पहली गाज उक्त सफाई एजेंसी पर गिरी है। इस पर महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि आवेदन के सभी बिंदुओं पर जांच और कार्रवाई होना अब भी बाकी है। 

नगर निगम की जनता के करोड़ो का बंदरबांट हुआ है। सफाई एजेंसी 'पाथ्या' के खिलाफ कार्रवाई से विभाग के बाद खुद नगर आयुक्त ने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली है। श्रीमती सिकारिया ने कहा कि जनता के करोड़ों की रकम की लूट में सभी दोषियों पर कार्रवाई तक वे चैन से बैठने वाली नहीं हैं।

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