बापू ने वैचारिक स्वच्छता तथा सदाचारी जीवन को माना था साक्षरता व शिक्षा से भी महत्वपूर्ण:गरिमा

समारोह के दूसरे चरण में 138 अव्वल स्वच्छता सेनानियों को नगर निगम के सभागार में किया सम्मानित,

बेतिया। महात्मा गांधी जयंती पर नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया द्वारा नगर के पिंजरापोल गौशाला मार्केट में स्थापित बापू की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी। वही पहली अक्तूबर को पूरे नगर निगम क्षेत्र में आयोजित स्वच्छता दिवस कार्यक्रम में अव्वल रहे कुल 138 स्वच्छता सेनानियों के बीच नगर निगम सभागार में पुरस्कार वितरण किया । इस मौके पर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि राष्ट्रपिता गांधी जी का स्पष्ट मानना था कि स्वच्छ रहकर ही हम खुद को स्वस्थ रख सकते हैं और स्वस्थ राष्ट्र ही तेजी से प्रगति कर सकता है। 

उन्होंने यह भी बताया कि आज चम्पारण सत्याग्रह के शुरुवात के करीब 106 साल बाद भी बापू के द्वारा शुरू कराये गए बुनियादी कार्यों में बहुत उपलब्धि नहीं हासिल हो सकी है। तबकि तब ही पूज्य गांधी जी ने उनके संपूर्ण स्वच्छता के आह्वान को विस्तृत रूप में लेने की अपील की थी। गांधी जी का स्पष्ट मानना था कि समग्रता में सामाजिक उत्थान के लिए व्यक्ति के व्यवहार परिवर्तन ही सर्वोपरि है। तब बापू ने सत्याग्रही सेनानियों से कहा था कि व्यक्ति के वैचारिक स्वच्छता और सदाचारी जीवन की शिक्षा को साक्षरता और शिक्षा से भी अधिक महत्व दिया जाए। महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि आज हम आजादी 77वें वर्ष में भी अपने समाज में सदाचारी सोच का अभाव सबसे अधिक खटकने वाली बात है। विशेष रूप से सार्वजनिक जीवन और जिम्मेदारी को भी पेशा बनते जाना आज के परिवेश की एक बड़ी त्रासदी है। 

इसको लेकर आज मैं आप सबका आह्वान करना चाहूंगी कि सार्वजनिक जिम्मेदारी में ईमानदारी की रक्षा हर हाल में होनी चाहिए। इसके लिए अब जरूरी हो गया है कि हमारे नगर निगम की जनता खुद जागरूक बने तथा अपनी जिम्मेदारी समझे। अपनी बुनियादी समस्याओं के निदान और विकास के लिए लड़ाई में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। इसके साथ ही महापौर ने कहा कि आज हम सबको स्वदेशी उत्पादों को अपना कर उसके माध्यम से स्वावलंबन तथा स्वरोजगार को भी ईमानदारी से प्रोत्साहित करना है। इस मौके पर उपमेयर , सिटी मैनेजर एवं नगर निगम के सभी कर्मचारी की उपस्थिति और सहभागिता महत्वपूर्ण रही।

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