2 घंटे तक एंबुलेंस के लिए नवजात के परिजन करते रहे इंतजार
नवजात ने तड़प तड़प कर तोड़ा दम
मामले में एंबुलेंस के ईएमटी पर कार्रवाई के लिए अस्पताल के उपाध्यक्ष ने लिखा पत्र
बगहा - एंबुलेंस के अभाव में नवजात ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया मामला गुरुवार की सुबह करीब 9 बजे अनुमंडल यह अस्पताल की है। मिली जानकारी के अनुसार बगहा के सेमरा निवासी विजय राजभर की पत्नी रूबी देवी प्रसव के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बगहा में बुधवार की रात में भर्ती कराई गई थी। जिसका सुरक्षित प्रसव गुरुवार के सुबह हुआ । लेकिन प्रसव के तुरंत बाद ही नवजात की स्थिति नाजुक हो गई। जिसे बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच रेफर कर दिया गया। लेकिन 2 घंटे तक अस्पताल प्रबंधन की ओर से नवजात को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया।नवजात के पिता विजय राजभर ने बताया कि सुबह 7 बजे बच्ची रेफर की गई। इस बीच एंबुलेंस के लिए इधर से उधर चक्कर काटते रहे। एंबुलेंस ईएमटी और अस्पताल में काम करने वाले कर्मियों के द्वारा कहा गया की 102 पर फोन कीजिए। लगातार 2 घंटे तक फोन करने के बाद 102 पर फोन नहीं लग रहा था। इधर बच्ची की स्थिति नाजुक बनते जा रही थी। तकरीबन 2 घंटे तक जिंदगी और मौत से जूझती रही। हालांकि मौत के तुरंत बाद 102 से बच्ची को जीएमसीएच ले जाने के लिए एंबुलेंस मिल गया। मामले में अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डा .के.बी.एन सिंह ने बताया कि एंबुलेंस के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है जिस कारण या समस्या उत्पन्न हुई है उन्होंने बताया कि एंबुलेंस का भाव में नवजात की बच्ची की मौत की सूचना मिली है।
इस संबंध में सीएस व एंबुलेंस एसीओ मार्गदर्शन मांगा जा रहा है ताकि मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो। उन्होने बताया कि ईएमटी के लापरवाही से यह हादसा हुआ है। इसे देखते हुए ईएमटी के संबंधित विभाग को ईएमटी के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं दूसरी तरफ एंबुलेंस सुविधा पाने के लिए अब नई व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था के तहत मरीज को एंबुलेंस सुविधा लेने के लिए 102 पर फोन कर नंबर लेना होगा। उसके बाद एंबुलेंस की सुविधा ली जा सकती है। फिलहाल मरीजों का आरोप है कि इस व्यवस्था के तहत एवं सुचारु रूप से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। घंटे मेहनत करने के बाद 102 पर कॉल लग रहा है। तब तक मरीज की स्थिति और नाजुक हो जा रही है। बता दें कि 2 दिन पहले भी अनुमंडली अस्पताल बगहा में एम्बुलेंस के अभाव में एक लड़की की स्थिति नाजुक हो गई थी। काफी मशक्कत के बाद उसे एंबुलेंस मिला था।जिसके कारण उसे जीएम सीएच बेतिया रेफर किया गया था उसके बाद जाकर बच्ची की जान बच पाई थी।
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