तीन माह में मात्र तीन दिन कार्यालय पहुंची बगहा दो सीडीपीओ

अपने अधिनस्थों से मोबाइल के द्वारा ही मांग रही स्पष्टीकारण।

बगहा- सरकार के तरफ से सरकारी कर्मियों व अधिकारियों की लापरवाही कम करने को लेकर तमाम शिकंजा लगाया जा रहा है। बायोमीट्रिक सिस्टम द्वारा हाजिरी बनाने से लेकर समय-समय पर वरीय अधिकारियों के माध्यम से जांच अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके बावजूद भी बेखौफ अधिकारियों की लापरवाही पर विराम नाम नहीं लग रहा है। 

ताजा मामला बगहा दो बाल विकास केंद्र का है जहां विगत 17 जुलाई को नए सीडीपीओ के रूप में सावित्री दास ने पदभार ग्रहण किया। इसके अलावे उनको तीन और प्रखंडों क्रमशः मधुबनी, भीतहा व ठकरहा का प्रभार मिला। जहां सप्ताह के हर दिन को तिथिवार उपस्थिति देते हुए कार्यालय संबंधी कार्यो का निष्पादन करने की तिथि निर्धारित हुई है, लेकिन अधिकारी योगदान देने के बाद से कार्यालय में आंधी की तरह आकर तूफान की तरह चली जाती है। स्थिति यह है कि जब तक आसपास भटक रहे फरियादियों को साहब के पहुंचने का पता चल पाता है तब तक वापस लौट जाती है। हालत यह है कि अधिकारी अपने मूल पदस्थापना की जगह पर निर्धारित दिनों को नहीं पहुंच पाती है। उस स्थिति में प्रभार वाले जगहों पर उपस्थित होने की बात बेमानी लगती है। विभागीय निर्देश के मुताबिक सोमवार व बुधवार को बगहा, मंगलवार व गुरुवार को मधुबनी, भीतहा में शुक्रवार को उपस्थित होकर कार्यालय संबंधित कार्यो का निष्पादन करने के साथ विभागीय कार्य कलापों का संचालन करना है। 

बगहा की स्थिति यह है कि यहां योगदान के बाद से अधिकारी श्रीमती दास का सात दिन आगमन हुआ है। जिसमें एक दिन का कार्यक्रम विभागीय मंत्री के आगमन व दूसरी उपस्थिति 15 अगस्त के दिन झंडारोहण के नाम रहा। इसके अलावे दो दिन बगहा एक प्रखंड में जातीय गणना बतौर निरीक्षक पहुंच कर अपना काम किया है। बुधवार को समाज कल्याण मंत्री के स्थानीय प्रतिनिधि अशोक सहनी ने बताया कि बगहा कार्यालय के लिए निर्धारित कार्य दिवस से मुताबिक दो बार बुलाने के बाद भी किसी काम की व्यस्तता बता कर नहीं आई। 

उसके बाद से अब तक उनका यहां पदार्पण नहीं हुआ है। मंत्री के प्रतिनिधि ने बताया कि दो बार समय देकर नहीं आना व लगातार कार्यालय से अनुपस्थित रहना बड़ी लापरवाही का सूचक है। सोमवार व बुधवार को कार्यालय में पहुंचने का दिन निर्धारित होने के कारण दर्जनों महिला पुरुष फरियादी उदास होकर भारी मन से वापस लौट गए। पदाधिकारी के आने से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी देने से कर्मी कन्नी काटते रहे। कार्यालय सूत्रों ने बताया कि अपने आने का कोई भरोसा भले हो या नहीं, लेकिन एलएस लोगों पर अब तक दो स्पष्टीकरण जारी किया जा चुका है। कर्मियों ने कहा कि मोबाइल द्वारा निर्देश देकर एलएस पर स्पष्टीकरण देने से उनकी जिम्मेदारी कम नहीं हो सकती है और ना ही उनकी लापरवाही छुप सकती है।  

सीडीपीओ सावित्री दास ने मोबाइल पर बताया कि दोपहर बाद बगहा दो कार्यालय पहुंचना है लेकिन, शाम के पांच बजे तक उनका आने की प्रतीक्षा में लोग बैठकर वापस लौट गए।साथ ही साथ करीब आधा दर्जन एल एस सुबह से ही कार्यालय में बैठकर सीडीपीओ का इंतजार करते हुए पूरे दिन इंतजार के बाद सीडीपीओ के आने पर सभी एल एस वापस चली गईं।

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