बारहा - नगर के एक निजी विवाह भवन में संविधान, लोकतंत्र और गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन तेज करने और नफरत नहीं रोजगार चाहिए, वास-आवास, शिक्षा व स्वास्थ्य का अधिकार आदि नारे के साथ खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा का बगहा पुलिस जिला का प्रथम जिला सम्मेलन का आयोजित किया गया.
सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि का वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, ( सिकटा विधायक) ने सबसे पहले अपने तमाम दिवंगत व शहीद साथियों को श्रद्धांजलि दिया. उन्होंने कहा कि आज देश की सत्ता सांप्रदायिक-फासीवादी कंपनी राज चलाने वाली मोदी सरकार के हाथ में है. जिसने गरीबों, मजदूरों, किसानों के साथ आम जनता के तमाम अधिकारों को खत्म करने अभियान चला रखा है. इसके लिए देश के संविधान और लोकतंत्र पर हमला-दर-हमला जारी रखा है. जिनकी रक्षा लिए पूरे देश के मजदूर, गरीब, किसान, छात्र-युवा, शिक्षक, कर्मचारी, बुद्धिजीवी और हर कामकाजी तबके के लोग लड़ रहे हैं. आगे कहा कि बिहार सरकार द्वारा आवास भूमिहीन गरीबों का सर्वे का काम हवा-हवाई साबित हो रहा है.
जबकि लाखों-लाख लोग रेलवे सड़कों, नालियों, नहरों, बांधो, तालाब की भिंडों, सरकारी विभाग की जमीनों आदि पर बसे हुए हैं. उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है और यह सब बिना वैकल्पिक व्यवस्था के कानून की धज्जी उड़ाते हुए किया जा रहा है. सरकार बंद्योपाध्याय आयोग की सिफारिश को लागू करने से भाग रही है. जबकि उसके लागू होने से 21 लाख एकड़ से अधिक भूमि गरीबों के बीच वितरण के लिए सरकार को मिल सकती है. वही राज्य सचिव खेग्रामस बिहार शत्रुघ्न सहनी ने संबोधित करते हुए कहा कि आज मोदी सरकार आजादी के 75 सालों बाद बड़े ही बेशर्मी से यह बोल रहीं हैं कि "अब अधिकार की बात नहीं कर्तव्य की बात होगी" उसने गरीबों-मजदूरों, छोटे किसानों के तमाम तरह के अधिकारों पर हमला बोल दिया है. वही सीताराम राम ने कहा कि बिहार में करीब 2 साल से पीएम आवास योजना बंद है. गरीबों का घर नहीं बन रहा है. जबकि मोदी सरकार ने 2019 के चुनाव में गरीबों यह कहकर वोट लिया था कि 2022 तक किसी गरीब का घर कच्चा नहीं रहेगा. मोदी सरकार जुमला वाली सरकार है. इधर भाकपा-माले नेता परशुराम यादव ने कहा कि बिजली के निजीकरण से सभी गरीब परेशान है. बिजली कंपनियां अधिक बिजली बिल भेजने के साथ ब्याज का कारोबार कर रही है.
गरीबों के घरों की बिजली काटी जा रही है और अब मोदी सरकार ने स्मार्ट मीटर योजना के तहत बिजली आपूर्ति की व्यवस्था लाकर कंपनियों के और अधिक लूट का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. सम्मेलन के राज्य पर्यवेक्षक का. जीवछ पासवान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार में शिक्षा और स्वास्थ्य के मामलों में भी लगातार कटौती जारी है. वृद्धों, विधवाओं, विकलांगों का पेंशन 10 वर्ष से अधिक तुरानी दर पर मात्र 400 रुपये है. जबकि महंगाई चरम पर है. सम्मेलन की अध्यक्षता ताजुद्दीन मंसूरी, प्रदीप ठाकुर, कृष्णा राम, लक्ष्मीना देवी व संचालन ताजुद्दीन मंसूरी ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर वीरेंद्र पासवान, नेउर उरांव, नरेश मांझीसमेत सैकड़ों कार्यकर्ता व ग्रामीण मौजूद रहे.
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