विभिन्न मांगों को लेकर निर्माण मजदूरों ने जिला पदाधिकारी के समक्ष किया प्रदर्शन

चारों श्रम संहिता को वापस लेने एवं श्रम अधिकारों को विस्तार करने की मांग



बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य स्तरीय आह्वान पर पश्चिमी चंपारण जिला पदाधिकारी के समक्ष निर्माण मजदूर यूनियन संबद्ध-ऐक्टू ने प्रदर्शन किया और  प्रधानमंत्री महोदय के नाम जिला पदाधिकारी के द्वारा 13 सुत्री मांग पत्र सौंपा,

सभा को सम्बोधित करते हुए निर्माण मजदूर यूनियन जिला अध्यक्ष जवाहर प्रसाद ने कहा कि हमारा देश संवैधानिक रूप से जनकल्याणकारी देश है, लेकर जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं में कटौती करते जा रही है। जनता ने संघर्ष के बल पर जो भी थोड़ा बहुत लोकतांत्रिक अधिकार हासिल किया था, उसे भी खत्म कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि 2015 से पहले जो भी निर्माण मजदूर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराए हैं उनका नवीकरण का तिथि 15 - 9 से बढ़कर कम से कम 2 महीना किया जाए ताकि सभी ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन को निर्माण मजदूर ऑनलाइन रिनिवल करा सकें वहीं चारों श्रम संहिता को वापस लिया जाए एवं श्रम अधिकारों को विस्तार करने की मांग किया।

ऐक्टू नेता  छोटेलाल कुशवाहा ने कहा कि सभी निर्माण मजदूरों को निबंधन प्रक्रिया सरल बनातें हुए सभी प्रखंड कार्यालय पर शिविर लगाकर निबंधन किया जाए। और निबंधित निर्माण मजदूरों को मकान मरम्मती योजना का लाभ मिलें इसके लिए नियमों को सरल बनाया जाए ताकि निर्माण मजदूरों को इसका लाभ मिल सके।

मजदूर नेता व्रजेश राम ने कहा कि साइकिल योजना में  राशि  3500 रुपए से बढ़कर ₹5000 किया जाए। और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द किया जाए तथा सभी छात्रों को अच्छी शिक्षा और सस्ती शिक्षा दी जाए।

वीरेंद्र राम ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 28 करोड़ श्रमिकों के बच्चों के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा, जीवन और विकलांगता- बाल देखभाल, मातृत्व और शिक्षा पर सार्वजनिक सुरक्षा योजना का तत्काल ढांचा बना कर लाभ दिया जाए। तथा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता राशि  ₹3000 से बढ़कर 5000 किया जाए।

इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी सामाजिक सुरक्षा के तहत 3000 रूपया वृद्धा पेंशन दिया जाए। और मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम 600 प्रतिदिन मजदूरी और  200 दिन काम देने की गारंटी किया जाए। और कमरतोड़ महंगाई पर रोक लगाई जाए। 

सभी नेताओं ने कहा कि सरकार निर्माण मजदूरों के सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए पूरा करे। इनके अलावा प्रकाश मांझी, रिखी साह, नवी हुस्सेन, नकछेद कुशवाहा, जंगली मांझी, कैलाश मांझी,कतवारू मांझी जमुना मांझी, ज्ञानती देवी, छठिया देवी, अनुप राम आदि लोगों ने भी सभा को सम्बोधित किया।

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