भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव ओम प्रकाश क्रांति ने बगहा के घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांगी की.


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पं चम्पारण जिला परिषद की ओर से जिला पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें भाकपा जिला सचिव ओम प्रकाश क्रांति, सहायक सचिव राधामोहन यादव, कोषाध्यक्ष बब्लू दूबे उपस्थित रहे, प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए ओम प्रकाश क्रांति ने बताया कि भाकपा नागपंचमी एवं महावीरी अखाड़ा के रोज बगहा में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की घटना की घोर निंदा करते हुए, इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है, ताकि इस घटना की साजिश रचने वालों तथा इसमें संलिप्त लोगों के चेहरा से पर्दा उठ सके, क्योंकि इस घटना ने बगहा के सैकड़ों बर्षो के साम्प्रदायिक सौहार्द के इतिहास को कलंकित किया है, प्रेस को जानकारी देते हुए, जिला सचिव बताया कि बगहा की घटना सुनियोजित एवं प्रायोजित घटना है, आखिर इस जुलूस के लिए परमिशन किस अधिकारी ने दिया, क्या जिस आखाडा़ के द्वारा यह जुलूस निकाला गया उसका निबंधन था, और यदि था तो उसके द्वारा जुलूस में कितने लोगों को भाग लेने की जानकारी दी गई थी और यदि एक अनुमानित संख्या की जानकारी दी गई थी तो एकाएक इस जुलूस में इतने लोग कहां से शामिल हो गए, और शामिल हुए वे लोग बगहा से बाहर के भी थे, उन्हें किसने आमंत्रित किया था, जो मार्ग जुलूस के लिए प्रतिबंधित था उस मार्ग पर जुलूस कैसे चला गया जबकि पुलिस और प्रशासन के लोग मौजूद थे किसी ने प्रतिबंधित मार्ग पर जाने से जुलूस को रोका क्यों नहीं जबकि प्रतिबंधित मार्ग बगहा थाना से कुछ सौ मीटर की दूरी पर ही है, 

   बगहा की घटना के कई यक्ष प्रश्न खड़ा कर दिया है जिसकी निष्पक्ष जाँच हो तो कई लोग एवं बगहा पुलिस तथा बगहा प्रशासन का असली चेहरा उभर कर सामने आ सकता है, वही बेतिया पुलिस जिला में पुलिस एवं प्रशासन सजग रहा तो कहीं भी जुलूस नहीं निकला और निकाल भी तो किसी की हिम्मत नहीं हो सका कि कुछ गलत कर सकें, लेकिन बगहा पुलिस एवं प्रशासन की लापरवाही एवं संदिग्ध कार्यशैली जांच का बिषय है, 

    इस घटना में दोनों पक्षों पर एफ आई आर कर तथा दोनों पक्षों के कुछ लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस और प्रशासन अपनी सफलता का पीठ थपथपाने में लगा है लेकिन प्रश्न असल दोषियों को चिन्हित करने का है, वो कौन लोग थे जो मूर्ति टुटने का भ्रामक खबर फैला कर जुलूस को उकसाने का काम किए तथा फिर जुलूस में वो कौन लोग थे जो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भला बुरा कह कर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए उकसाते रहे, वे कौन लोग थे जिन्होंने पुलिस, प्रशासन एवं पत्रकारों पर भी हमल बोल दिया, क्या दिन के उजाले में भी उनकी पहचान संभव नहीं हो पाई

   ऐ सारे प्रश्न साफ साफ व्या कर रहें हैं कि महाबीरी अखाड़ा के दिन बगहा को रक्तरंजित करने करने का सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया था लेकिन भाकपा की साफ समझ है कि जिला पदाधिकारी एवं बेतिया एस पी की समय से बगहा में उपस्थित होना और सूझबूझ से काम लेने के कारण बगहा सहित पं चम्पारण जिला एक भयावह कलंक से बच गया

 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जिला पदाधिकारी पं चम्पारण एवं बेतिया एस पी इस संजिदगी के लिए धन्यवाद देती है, और निष्पक्ष जाँच करा कर सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा की मांग करती है, 

   भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की साफ समझ है कि भारतीय जनता पार्टी एवं आर एस एस बगहा लोकसभा क्षेत्र में अपने खोए हुए जनाधार को हासिल करने की नियत से इस घृणित कार्य के लिए बजरंग दल एवं हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को लगाया तथा इन लोगों के द्वारा ही बगहा के भाईचारा एवं प्रेम को कलंकित करने का घृणित कार्य किया गया, 

   भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार सरकार एवं जिला पदाधिकारी से मांग करती है कि इस घटना की जांच बगहा पुलिस के बजाय बेतिया एस पी एवं जिला पदाधिकारी स्वयं अपने निर्देशन में कराये, तथा बर्षो से बगहा में जमें एस पी का स्थानांतरण अविलंब किया जाय

 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बगहा की शांति, प्रेम, भाईचारा के प्रति समर्पित जनता के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए सभी समुदाय के लोगों से एकजुट रहने की अपील करती है तथा ऐसे असमाजिक तत्वों को मुहंतोड़ जबाब देने की गुजारिश करती है

 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 31 अगस्त को बेतिया शहीद पार्क में शहीदों की मूर्ति के सामने धरना देकर पं चम्पारण में प्रेम, भाईचारा, सदभाव, बनाये रखने के लिए पं चम्पारण की जनता को संदेश देगी

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