भैरोगंज के गरीब परिवार के भारती ने बी पी एस सी 64 स्थान पाकर भैरोगंज का नाम रौशन किया


भैरोगंज- हौसले बुलंद हों और कुछ कर के दिखाने का जज्बा हो तो मुश्किलों के दौर से भी गुजर कर एक अच्छा मुकाम हासिल किया जा सकता है । वैसे तो बिहार में मेघा की कमी नहीं है । अक्सर छात्र ऊंचा स्थान पाकर क्षेत्र को गौरवान्वित करते हैं । लेकिन बात अगर किसी गाँव या कस्बे की हो तो यह एक बड़ी उपलब्धि तो होती ही है । क्योंकि ऐसे स्थानों पर संसाधनों की कमी होना कोई नयी बात नहीं होती । कुछ ऐसी ही घटना बगहा एक प्रखंड के भैरोगंज बाजार के भारती कुमारी का है । 

दरअसल शुकवार को आए BPSC के परिणाम ने भैरोगंज बाजार को गौरव और खुशियों से सराबोर कर दिया है। भैरोगंज के कपड़ा व्यवसायी और समाजसेवी प्रकाश प्रसाद गुप्ता की पुत्री कुमारी भारती गुप्ता ने बीपीएससी अंकेक्षक की परीक्षा उत्तीर्ण कर पूरे ईलाके और समाज को गौरवान्वित किया है। 

कहें तो भारती की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही मां सरस्वती बाल विद्या मंदिर से शुरू हुई । बाद में भैरोगंज हाई स्कूल से ही माध्यमिक शिक्षा पूर्ण हुई थी। इसके बाद पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती थी । 

परंतु लाॅकडाउन जैसे उसके सपने बिखरते नजर आए । पर फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी । वह पटना से वापस घर पहुँच कर और अधिक पढ़ाई पर परिश्रम करने लगी ।शुरू से ही विद्यालय में हमेशा टाॅप करने वाली भारती ने बीपीएससी 64वीं, 65वीं, 66वीं की मुख्य परीक्षा दिया था लेकिन कुछ मार्क्स से रिजल्ट रह जाता था। उसका 67वीं मेंस सहित 3 और परीक्षाओं का परिणाम भी आने वाला है। भारती अपनी सफलता का श्रेय समस्त गुरूजनों के साथ अपने परिवार के सभी सदस्यों को देती है। वह अपनी दादी स्वर्गीय राधिका देवी के आशीर्वाद तथा हौसलाअफजाई की चर्चा करते हुए कहती है कि इस सफल यात्रा में चाचा प्रहलाद गुप्ता बहुत बङे मार्गदर्शक रहे है। 

ग्रामीण समाज में जहाँ आज भी लड़कियों की कम उम्र में शादी कर दी जाती है वही इसी समाज में प्रतिकूल परिस्थितियों में जूझते हुए भी प्रकाश गुप्ता ने अपनी पुत्री को पढ़ा लिखा के अधिकारी बनाया और समाज के समक्ष उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया । प्रकाश प्रसाद गुप्ता और उनकी पुत्री कुमारी भारती गुप्ता की यह कहानी अन्य तमाम छात्रों व उनके अभिभावकों के लिए प्रेरणादायक है । दूसरी तरफ नारी सशक्तिकरण सर्वोत्कृष्ट उदाहरण भी है ।

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