नगर निगम के दबंगों द्वारा हटाये गये दर्जनों सफाई कर्मी पुनः काम पर वापसी के लिए 11 सितंबर से करेंगें अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल


बेतिया - नगर निगम बेतिया में नये बोर्ड के गठन के बाद निगम प्रशासन के नाक के नीचे कुछ वार्ड पार्षदों और निगम के पाथेया एनजीओ के कथित सुपरवाइजरों के दबंगई की बातें सफाई कर्मचारियों पर आय दिन आम हो गई है। 

पाथेया एनजीओ के कथित सुपरवाईजरों और कुछ वार्ड पार्षदों की मिलीभगत के कारण वर्ष सितंबर 2019 से लिखित कागजातों पर प्रतिनियुक्त महिला और पुरुषों को डोर टू डोर कचरा उठाव कार्य में रखा गया है। 

उन सभी कर्मियों को शुरुआती दौर में कई महिनों तक सीधे निगम कार्यालय से कर्मियों के खातें में पैसे डाले जाते थें। बाद में नगर निगम द्वारा एनजीओ के अधीन सभी कर्मियों को करवा दिया गया। अभी तक साढ़े चार वर्षों में निगम में 5-6 एनजीओ आया और गया। 

किसी भी एनजीओ में कर्मियों को निकालने की धांधली नहीं देखी गयी।परन्तु जब से पाथेया नामक एनजीओ बेतिया में आया है तब से विभागीय घोटाला से लेकर सफाई कर्मचारियों का मानसिक, आर्थिक और शारिरिक शोषण चरम पर है।

पाथेया एनजीओ के कथित सुपरवाइजर खूद को निगम प्रशासन और प्रशासक ही समझते हैं।उनलोगों का सफाई कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और कुछ पार्षदों की मिलीभगत से आर्थिक दोहन करने की बात सुनी जा रही है नहीं तो धड़ल्ले से कर्मियों को नौकरी से बाहर करवा दिया जाता है। 

सफाई कर्मी शाबरा खातून,पबित्र देवी,जैबुन नेशा,फातमा खातून,सीता देवी,मिन्ता देवी, आयशा खातून,उषा देवी सहित आधा दर्जनों सफाई कर्मियों ने बताया की जब से सफाई कर्मियों को विभिन्न वार्डों से काम पर से हटाया गया तब से रोज-रोज नगर निगम के कार्यालय में नगर आयुक्त से लेकर मेयर साहिबा तक दौड़ते-दौड़ते किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होने के कारण सफाई कर्मचारियों ने जिला समाहर्ता को पत्र लिख कर कहा है कि यदि इन सभी कर्मियों को निगम प्रशासन पुनः काम में वापस नहीं रखा गया तो 11 सितंबर से समाहरणालय के समक्ष अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे।कर्मियों ने जोर देकर कहा कि यदि इस बीच कर्मियों के साथ किसी प्रकार की अप्रिय वारदात होती है तो इसकी सारा जवाबदेही नगर निगम प्रशासन की होगी। मौके पर पवित्र देवी,सुनैना देवी,सीता देवी,प्रमिला देवी आदि कर्मी भी उपस्थित थें।

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