नगर निगम के रजिस्टार स्तर से जारी दर्जनों प्रमाण पत्रों का महापौर ने किया समारोह पूर्वक वितरण,
मौके पर मौजूद नागरिकों और आवेदकों को जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों की विस्तार से समझाई गई उपयोगिता,
बेतिया। महापौर गरिमा देवी सिकारिया के द्वारा बुधवार को जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों का एक सादे समारोह में वितरण किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जन्म की तारीख का प्रमाण का यह प्रमाणित दस्तावेज है। स्कूल में दाखिला के लिए उपयोगी है।
राशन कार्ड बनाने में उपयोगी है। वोटर कार्ड बनाने में उपयोगी है तथा पासपोर्ट इत्यादि बनाने में आसान होता है। इसी प्रकार मृत्यु प्रमाण पत्र की उपयोगिता के बारे में महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि इसी प्रकार मृत्यु प्रमाण पत्र भी मृत्यु की तारीख का सबसे प्रमाणित दस्तावेज है। जिसके आधार पर ही पैतृक संपति के दावे के निराकरण में उपयोगी है।
जीवन बीमा के लिए तथा बैंक खातों में उपयोगी है। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के हवाले से उन्होंने बताया कि जन्म और मृत्यु की घटनाओं के 21 दिन के अंदर पंजीकरण कराकर नि:शुल्क प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। 21 दिन के पश्चात विलंबित पंजीकरण का भी प्रावधान है। जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र पर, नगर निगम कार्यालय में, सदर अस्पताल में, रेफरल अस्पताल में, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
सामान्य मृत्यु पर निबंधन भी जन्म निबंधन की भांति कराया जाता है एवं तत्संबंधित जन्म-मृत्यु निबंधन केन्द्र से प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। महापौर ने बताया कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत् हीं प्रत्येक जन्म-मृत्यु की घटनाओं को सीआरएस. पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य हो गया है। सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार सरकार की के अधिसूचना संख्या 15548 द्वारा जन्म-मृत्यु निबंधन कार्य को ''बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम'' के तहत लेते हुए निबंधन जन्म-मृत्यु की भी समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। जिसके तहत जिला स्तर पर प्रथम अपीलीय पदाधिकारी के रूप में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी -सह- अपर जिला रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु हैं। उसी प्रकार द्वितीय अपीलीय पदाधिकारी के तौर पर जिला पदाधिकारी -सह- जिला रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु अधिसूचित किए गए हैं।
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