मणिपुर में नफरती भीड़ द्वारा कुकी महिलाओं पर यौन हमले की भयावह घटना के खिलाफ भाकपा माले ने किया सभा और प्रधानमंत्री का पुतला दहन


मणिपुर में नफरती भीड़ द्वारा दो कुकी महिलाओं पर यौन उत्पीड़न की भयावह व पूरे देश को शर्मसार करने वाली घटना के खिलाफ भाकपा-माले और उससे जुड़े जनसंगठनों आइसा,इनौस ने राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस के तहत बेतिया समाहरणालय गेट पर प्रतिरोध सभा किया और पूरी घटना के जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन किया।

भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव ने कहा कि यह घटना 4 मई की बताई जा रही है. कांगपोकपी जिले में जब महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों के साथ पास के इलाके में गांवों को जलाने वाली भीड़ से बचने की कोशिश कर रही थीं, इस भयावह घटना को अंजाम दिया गया. भीड़ ने महिलाओं के कपड़े उतारकर उन्हें नंगा घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न किया. उन्हें नग्न परेड पर मजबूर किया गया. नफरती भीड़ ने ’बदले’ की कार्रवाई के तहत महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया. रिपोर्टें हमें यह भी बताती हैं कि बलात्कार पीड़िताओं के परिवार के पुरुष सदस्यों की भीड़ ने हत्या कर दी. 

आगे कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा जहां अपनी ‘डबल इंजन’ की सरकार चलाती है; वहां दंगे, बलात्कार और हत्याएं शासन के तरीके बन जाते हैं. उत्तर-पूर्व में सांप्रदायिक व जातीय तनाव भड़कना भाजपा शासन का एक और लक्षण है.

भाकपा-माले नेता रविन्द्र कुमार रवि ने मांग किया कि अपराधियों की तुरंत पहचान कर उनकी गिरफ्तारी हो. 'अज्ञात’ भीड़ के नाम पर उन्हें बचाने की हर कोशिश का पर्दाफाश होना चाहिए. साथ ही, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस्तीफा दें. इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि इस पूरी घटना को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नारीवादियों और वकीलों की एक टीम तत्काल मणिपुर भेजी जाए. यह टीम मामले की संपूर्णता में जांच करे. पुलिस द्वारा की गई कार्रवाइयों पर भी गौर करे. 

भाकपा माले नेता सुरेंद्र चौधरी, विनोद कुशवाहा, मुजम्मिल मियां, हारून गद्दी, प्रकाश मांझी,सुखई राम, रविन्द्र राम, इनौस नेता अफाक अहमद आदि नेताओं ने भी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है इसी नफरत की राजनीति का नतीजा है मणिपुर की घटना, लोगों ने कहा कि मणिपुर में भाजपा की ही सरकार है तब भी दो महीने से ज्यादा समय से मणिपुर जल रहा है सैकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं, हजारों लोग जान बचाकर भाग दूसरे प्रांतों में या टैम्पों में शरण लिए हुए है, और मोदी इधर उधर घूम रहे हैं, मणिपुर जाने की बात तो दूर कुछ बोल नहीं रहें थे अब जब सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी किया है तब जाकर कुछ बोल रहे हैं तभी इधर उधर की बात करते हुए देखा है,

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