मुख्यमंत्री के नाम दिया 9 सुत्री मांग पत्र
गरीबों की वासभूमिहीनता खत्म करने में पीपी ऐक्ट का इस्तेमाल बहुत ही कम हुआ।-फरहान राजा
चालू विधानसभा सत्र के दौरान अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा(खेग्रामस) और मनरेगा मजदूर सभा, बेतिया पश्चिम चम्पारण के बैनर से बेतिया सदर अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री के नाम 9 सुत्री मांग पत्र सौंपा, हरीबाटीका चौक से सुरू हुआ प्रदर्शन का नेतृत्व प्रकाश मांझी, रवीन्द्र राम, रीखी साह, अच्छेलाल महंतों सुखई राम ने नेतृत्व किया, मांग पत्र सौंपने के बाद सभा को संबोधित करते हुए इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि "आजादी के तुरत बाद बिहार ने ऐतिहासिक कदम उठाया था और राज्य के जमींदारों_रैयतों की जमीन पर बसे भूमिहीनों को पीपी एक्ट के तहत पर्चा देकर उन्हें वासभूमि पर स्थाई हक देने का प्रावधान किया था। दुख की बात है कि दशकों बीत गए, लेकिन गरीबों की वासभूमिहीनता खत्म करने में पीपी ऐक्ट का इस्तेमाल बहुत ही कम हुआ।"
ऐक्टू जिला अध्यक्ष रवींद्र कुमार रवि ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि "दुख और चिंता इस बात कि है कि गरीबों के वोट से बनी वर्तमान सरकार में भी गरीबों पर बुल्डोजर चलाया जा रहा है। अपने आसरे को उजड़ने से बचाने की खातिर अनेक जगह गरीबों ने पुलिस–प्रशासन का तीखा विरोध भी किया। लेकिन प्रशासन ने निर्दयतापूर्वक उनका आशियाना उजाड़ दिया और उल्टे निर्दोष गरीबों पर मुकदमा ठोक दिया।"
इनौस जिला उपाध्यक्ष अफाक अहमद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दलित_गरीबों के वोट से बनी सरकार के समक्ष एकबार फिर हमने चालू विधानसभा सत्र के दरम्यान प्रदर्शन के माध्यम से इस जरूरी सवाल को उठा रहे हैं।
भाकपा माले बैरिया अंचल सचिव सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि उम्मीद है कि आज के प्रदर्शन पर बिहार सरकार और अधिकारी उपरोक्त सवालों पर गम्भीरता से विचार करेंगे
और उसे हल करने की पहल करेंगे! इनके अलावा हारून गद्दी, ठाकुर पटेल, प्रकाश मांझी,मनबोध साह, अच्छेलाल महंतों, सुखई राम, रामचन्द्र यादव, रवीन्द्र राम, ललिता देवी, उमा देवी, सुनीता देवी आदि नेताओं ने भी सभा को सम्बोधित किया।
1.जो जहां बसे हैं, उन तमाम बसावटों का मुकम्मल सर्वे कर नया वास आवास कानून लाए बिहार सरकार।
2.बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों को उजाड़ने पर रोक लगाने संबंधित नीतिगत निर्णय कैबिनेट से पारित किया जाए और सरकार हलफनामा हाईकोर्ट में दाखिल करे ताकि कोर्ट की आड़ में चल रहे गरीब उजाड़ो अभियान पर कानूनी रोक लगे!
3. हाल के वर्षों में उजाड़े गए तमाम गरीबों के पुनर्वास की तत्काल व्यवस्था की जाए और उनपर किए गए तमाम मुकदमें वापस लिए जाएं।"
4.तमाम आवासीय भूमिहीनों को 5डिसीमल जमीन और पक्का मकान की गारंटी सरकार करे जो कि गरीबी के दुष्चक्र से बिहार को बाहर करने का जरूरी और प्राथमिक कदम है।
5.तमाम किस्म के परचाधारी_पीपी एक्ट,भूदान,सीलिंग,सिक्कमी,लाल कार्ड, हरा कार्ड का बड़े पैमाने पर दखल देहानी का अभियान सरकार चलाए।
6.सरकार नया बटाइदारी कानून लाकर तमाम बटाईदारों का रजिस्ट्रेशन करे!
7.प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि 5लाख हो और इसका विस्तार शहरी निकायों तक हो।
8.नगरनिकायों तक भूमिसूधार कानून का विस्तार हो खासकर पीपी एक्ट का।शहरी विकास योजना के आवासीय भूखंडों और आवासों में 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी शहरी दलितों_गरीबों की हो!
9. जिस जमीन पर सरकार ने पर्चा दिया है, जमीन कब्जा में भी है पर अभी तक रसीद नहीं कट रहे हैं उन्हें रसीद काटने और जिस सरकारी जमीन पर दसकों से गरीबों का कब्जा है उस जमीन को पर्चा सरकार दें।
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