विकास की पोल खोल रही लालसरैया से करमवा ,राजाभार जाने वाली जर्जर सड़क। एमपी साहब और पूर्व डिप्टी सीएम साहिबा यह सड़क भी आप ही के क्षेत्र का है भाजपा के गढ़ में सड़क की दयनीय स्थिति सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क है कहना मुश्किल। मझौलिया । मझौलिया प्रखंड क्षेत्र में भाजपा का गढ़ कहा जाने वाला लाल सरैया से करमवा जाने वाली सड़क गड्ढे में है या गड्ढे मैं सड़क है कुछ कहा नहीं जा सकता है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान जातिवाद का ट्रंप कार्ड खेलने वाले लोगों की आंखों में शायद मोतियाबिंद हो गई है जिसके कारण इस सड़क की बदहाली नजर नहीं आ रही है।प्रखंड भाजपा के स्टार या यूं कहिए अपने आप को प्रखंड का किंग मेकर कहने वाले सुशील कुमार जयसवाल अमित कुमार चौबे मनु बाबू कुशवाहा जैसे दिग्गज के रहते हुए भी उक्त सड़क एमपी पूर्व डिप्टी सीएम और इन दिग्गजों के नाम पर एक कलंक के समान है।अगर आपको विश्वास ना हो तो स्वयं आकर सड़क पर जगह जगह झील का नजारा देख सकते हैं।बताते चलें कि प्रखंड का सबसे बड़ा व्यवसायिक फसलों का उत्पादक पंचायत करमवा के किसान भी अपने अपने उत्पादों को लेकर इसी टूटी फूटी गड्ढे नुमा सड़क से जिला मुख्यालय स्थित बाजार समिति में बिक्री करने जाते हैं। जानकारों ने बताया कि इस मार्ग से गुजरने वाले कई पैदल यात्री तथा वाहन चालक इन गड्ढों में गिरकर घायल भी हुए हैं।भले विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन लालसरैया पंचायत से करमवा, राजाभार जाने वाली मुख्य मार्ग में विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि लगभग एक दर्जन गांवों को जोड़ने वाली सड़क काफी जर्जर हो चुकी है। ग्रामीण जर्जर सड़क से परेशान हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस में सुधार को लेकर उदासीन बने हुए हैं।प्रमुख पति मंटू कुशवाहा, नमाजी मियां , सत्यनारायण ठाकुर , मोहन गुप्ता , सुदामा सहनी, नारद सिंह , शत्रुधन प्रसाद , राम एकबाल प्रसाद ,जोखू सहनी , कमलेश सिंह, जटाशंकर सिंह , ऋषिकांत सहनी,मंटू कुमार आदि ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के जर्जर होने के कारण आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बरसात होने पर इस सड़क से होकर गुजरने में गिरने की संभावना बनी रहती है। दोपहिया वाहन चालकों को गिरकर चोटिल होना नियति बनी हुई है। इस सड़क में 2 से 3 फिट गड्ढे हो चुके है ।जान जोखिम में डाल कर राहगीर आवागमन कर रहे है । जबकि इस मार्ग पर अधिकांश कृषि भूमि से संबंधित किसानों व लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इस बदहाल सड़क को लेकर ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक रेणु देवी से शिकायत की। उनके द्वारा उक्त सड़क को जल्द दुरूस्त कराने का आश्वासन भी दिया गया था लेकिन आज भी समस्या वही है। जिसको लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। राहगीरों और ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ चुनाव के समय एमपी और विधायक द्वारा मोटे मोटे आश्वासन दिए जाते हैं विकास की गंगा बहाने का वादा किया जाता है लेकिन जीत जाने के बाद सारे वादे धरे के धरे रह जाते हैं।
1 दिन कचहरी 9 दिन मकान
कार्यालय में घर रहने वाले कर्मियों एवं पदाधिकारियों आने को नहीं होता है सकान घर बैठे हो जाता है थकान
मामला ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल नरकटियागंज का
बेतिया-1 दिन कचहरी 9 दिन मकान , कर्मी एवं पदाधिकारियों को कार्यालय आने में नहीं होता है साकान इन लोगों को हो जाता है थकान। महिना के अंतिम दिन आते हैं देवान। मामला नरकटियागंज ग्रामीण कार्य प्रमंडल का, चौंकिए मत यहां तो पंजीकृत अधिकारी से कर्मी 2 दर्जन से अधिक हैं लेकिन कार्यालय में मिलेंगे आधा दर्जन पर में जबकि इसमें कुछ ऐसे कर्मी है जिनका कार्य क्षेत्र में नही है केवल कार्यालय में ही है । फिर भी कार्यालय में नहीं आते हैं स्थानीय जानकारों का मानना है कि कुछ कर्मी 25 तारीख से 30 तारीख के बीच में कभी कबार आते हैं ऐटेंडेंस लगाते हैं वेतन पाते हैं कुछ ऐसे भी कर्मी है जो घर पर बैठकर ऑनलाइन काम करते हैं इतना ही नहीं जानकार बताते हैं कि यहां पर नाम के 3 कर्मी लिपिक पदस्थापित है। जबकि प्रभार आवंटन लिस्ट किसी को नहीं है बताया जाता है कि यहां पर पूर्व में पदस्थापित लिपि जिसका स्थानांतरित अन्य जगह हो गया है वह फिर भी कार्यपालक अभियंता के आवास पर काम करते रहते हैं इसका जीता जागता उदाहरण कार्यालय के प्रभार आवंटन से या अभिलेख में हस्त लेखन के बिल से मिलान किया जा सकता है । जानकार बताते हैं कि बगहा प्रमंडल के सेवानिवृत्त लिपिक से अभिलेख का संधारण कराया जाता है आखिर सेवानिवृत्त लेखा लिपिक किस अधिकार से किस लाभ बस काम करते हैं यह गंभीर जांच का विषय है। इतना ही नहीं बताया जाता है कि नरकटियागंज प्रमंडल का कार्यालय बेतिया में एक पथ निर्माण के एक कार्यपालक अभियंता के आवास में कार्यालय चलता है जोकि स्टेशन चौक के पूरब करीब दो सौ गज आसपास में बताया जाता है। इस संदर्भ में कार्यालय कर्मियों से पूछने पर सभी कर्मी परहेज करते दिखे ज्ञात हो कि सोमवार के दिन समाचार संकलन के दौरान नरकटियागंज प्रमंडल कार्यालय में कुछ ही लोग कार्यालय में दिखे जिनमें वरीय लिपिक कमरुल्लाह अंसारी एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी में सच्चिदानंद, फैयाज आलम, अखिलेश मिश्र ,संदीप कुमार, बलिराम ठाकुर ,अर्जुन ही कार्यालय में दिखे बाकी सब लोग घर से ही कार्यालय चला रहे हैं इतना ही नहीं इस संदर्भ में अकाउंट मैनेजर मुन्ना कुमार राय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऑडिट के काम के सिलसिले से बाहर निकले हुए हैं। इस संदर्भ में कार्यपालक अभियंता को संपर्क करने पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इसलिए उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका ।
वही अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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