'बिहार और प्रकृति' के तहत पर्यटन हेतु वीटीआर, उदयपुर वन्यप्राणी आश्रयणी पहुँचे नप ब्रांड एंबेसडर सुनिल राउत
बिहार व यहाँ की वनस्थली अद्वितीय, इसे कचरा एवं प्रदूषण मुक्त रखना हम सभी की जिम्मेदारी : सुनिल
बिहार और प्रकृति को जानने एवं पर्यावरण संरक्षण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शनिवार को बगहा नगर परिषद के ब्रांड एंबेसडर शिक्षक सुनिल कुमार जिले के उदयपुर वन्यप्राणी आश्रयणी पहुँचे। उनके साथ शिक्षकों को पूरी टीम भी साथ थी। शिक्षक सह ब्रांड एंबेसडर सुनिल कुमार पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता के साथ -साथ पर्यटन एवं सामाजिक जागरुकता हेतु सक्रिय भूमिका निर्वहन करते रहते हैं। शिक्षक ने कहा कि बिहार एवं यहाँ की प्रकृति अद्वितीय है। यहाँ पश्चिम चम्पारण जिलान्तर्गत सूबे का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान अवस्थित है जो पर्यटन, प्राकृतिक सुंदरता के दृष्टिकोण से उत्कृष्टतम है।
इसे बिहार का कश्मीर तथा बगहा वीटीआर को धरती पर स्वर्ग का टुकडा़ कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जिले का वाल्मीकि वन्यजीव अभयारण्य, वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष्य के अंतर्गत प्रकृति सुंदरता को देखने सपरिवार जाते रहते हैं। इसी क्रम में शनिवार को शिक्षकों की टीम के साथ उदयपुर वन्यप्राणी आश्रयणी आकर वन विहार किया गया तथा कुछ जानकारी ली गई। सुनिल कुमार ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलिथीन का उपयोग बंद करना चाहिए इससे हमारी धरती, प्रकृति, वनक्षेत्र, वन्यजीव, जल एवं जलीय जीव आदि सभी को नुकसान है। यहाँ के सरैया मन में जलविहार अद्भुद एवं रोमांचक है।
इसका पानी बहुत हीं मीठा और औषधीय बताया जाता है। उदयपुर वन्यजीव अभयारण्य की सीमाएँ उत्तर में ग्राम पतराखा-नौरंगिया की खेती की भूमि, दक्षिण में ग्राम बलुआ-रामपुरवा व तुमकुरिया की खेती की भूमि, पूर्व में सिसवा सरिया गांव की खेती, और भटौलिया तथा पश्चिम में हरि नाला और खेती बागबरपुर और सिरसिया-मठिया ग्राम भूमि है। इसमें पेड़ों की प्रजाति एवं नील गाय आदि वन्यजीव अधिवास करते हैं। हम जिलेवासियों को अपने क्षेत्र को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने में योगदान देना चाहिए तभी हम एवं हमारी प्रकृति स्च्छ, स्वस्थ्य एवं सुंदर रहेंगे।
शिक्षकों की टीम में सुनिल राउत, शैलेन्द्र कुमार, पिंटू कुमार, भोला पासवान, रिंकू कुमार, प्रदीप कुमार पाठक, रिजवान अंसारी, सुमन सौरभ, मुकेश मिश्र, अरुण कुमार आदि सहित tv दर्जनभर शिक्षक शामिल रहे। सभी ने यहाँ की प्रकृति के संरक्षण में यथासंभव सहयोग करने तथा पर्यटन क्षेत्र को स्वच्छ, सुंदर, कचरा एवं प्रदूषण मुक्त बनाए रखने हेतु जागरुकता फैलाने की बात कहे।
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