जिला पदाधिकारी के समक्ष माकपा का प्रदर्शन


बेतिया -भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चंपारण जिला कमिटी द्वारा पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए 23 मई को पश्चिम चंपारण जिला पदाधिकारी के समक्ष बेतिया में विशाल प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन राज ड्योढी स्थित तांगा पड़ाव सीटू से निकाला गया। जो लाल बाजार , तीन लालटेन चौक , जनता सिनेमा चौक होते हुए समाहरणालय पहुंचा । जहां सभा को पार्टी के बिहार राज्य सचिवमंडल सदस्य का. प्रभुराज नारायण राव ने संबोधित करते हुए बताया कि बकुलहर मठ के 399 भूमिहीनों को बिहार सरकार ने पर्चा निर्गत किया है। जो मठ की सीलिंग से फाजिल 413 एकड़ जमीन के लिए है। उन पर्चा धारियों को कानून की पेचीदगी में फंसाकर सभी जमीनों पर आज भी महंत का कब्जा है और पर्चा धारियों की मृत्यु के बाद उनके बच्चे अब भी सरकार से जमीन की आस लगाए बैठे हैं। 

उन्होंने मांग किया की जिला पदाधिकारी पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में अविलंब पर्चा धारियों को जमीन पर कब्जा दिलाए । अन्यथा पार्टी पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाएगी। उन्होंने कहा कि आज निरंतर बढ़ रही महंगाई की मार से जनसमुदाय परेशान हैं। उस पर खाने के तमाम सामानों पर जीएसटी लागू कर और बड़ा बोझ केंद्र सरकार ने आम जनता पर लाद दिया है। 

समस्याओं के समाधान के बदले ना ना प्रकार के जटिल समस्याओं को खड़ा कर लोगों को उलझाए रखने का काम किया जा रहा है । भाजपा सरकार पूरे देश में हिंदू मुस्लिम कार्ड खेल रही है । देश में नफरतों की बीज बोई जा रही है । महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने वाले राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को बचाने में प्रधानमंत्री लगे हुए हैं । उस बलात्कारी की इतनी हिम्मत की महिला पहलवानों का नार्को टेस्ट कराने की मांग करता है । लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है ।

जनता के मौलिक समस्याओं का समाधान नहीं करने की स्थिति में जनाक्रोश को एक गलत दिशा देने के काम को सरकार अपना मुख्य धर्म मान रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा भाजपा को दी गई भारी शिकस्त से लोगों का दिमाग हटाने के लिए एक बार फिर नोटबंदी का सहारा लिया जा रहा है । 2000 रुपए के नोट बदलने के लिए एक समय सीमा सरकार द्वारा निर्धारित किया जा चुका है और सभी लोग इस उलझावे में फंसे हुए हैं । चंद कलाबाजारियों के चलते देश के 140 करोड़ लोगों को परेशान करने का क्या मतलब है । 

ये सब जानते हैं कि दो हजार के नोट रखने की क्षमता गरीबों में नहीं है । पिछले नोटबंदी के समय आर बी आई द्वारा जारी नोट का 99. 9 % नोट वापस आ गए । काला नोट का पता ही नहीं चला । दूसरी बात एक समय में 10 नोट बदलने का छूट दिया गया है । इसका मतलब एक व्यक्ति प्रत्येक 5 मिनट पर 10 नोट बदलता है , तो 1 घंटे में 12 बार नोट बदल सकता है । यानी 4 घंटे में 48 बार 10 नोट बदल सकता है । जो एक दिन में 480 नोट बदल सकता है । जो कुल 9 लाख 60 हजार रुपए बदलने के लिए बैंक के नियम के अनुसार पूरी तरह आजाद है । तो फिर आम जनता को परेशान करने का क्या मतलब ? अमेरिकी साम्राज्यवाद दुनिया का सबसे बड़ा लूटेरा है । उसके दबाव में आकर अमेरिका से रिश्ते बनाने का काम मोदी सरकार कर रही है । जो किसी भी मायने में राष्ट्र हित में नहीं है।

जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव ने कहा कि पश्चिम पश्चिम चंपारण के किसान घाटे की खेती से परेशान हैं ।उन्हें अपने फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है । गन्ना किसानों को किसी प्रकार की कोई भी राहत नहीं दी जा रही है । बाढ़ और सुखाड़ से यह जिला हमेशा प्रभावित रहा है । इसे मुक्ति दिलाने के लिए जिला प्रशासन के पास कोई ठोस योजना नहीं है । सभा को पश्चिम चम्पारण जिला सचिवमंडल सदस्य , शंकर कुमार राव , म. हनीफ , म. वहीद , सहीम मियां , सदरे आलम आदि ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता चांदसी प्रसाद यादव ने की । का. चांदसी प्रसाद यादव , शंकर कुमार राव , म. हनीफ , का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिला पदाधिकारी से मिल कर मांग पत्र दिया ।

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