एएसआई मीना कुमारी के घुस लेने के कथित वायरल विडियो की सच्चाई का पड़ताल

वायरल विडियो से घुस लेने के आरोपों में घिरी महिला अधिकारी एएसआई मीना कुमारी 

पड़ताल में महिला एएसआई की दयालु व सहयोगी छवि बनी बदनामी व विवाद का कारण 

अब तक ना जाने कितने गरीबों व मजबूरों की कर चुकी हैं आर्थिक मदद 

बरवा बरौली गांव, शिकारपुर थाना की वायरल विडियो की सच्चाई जानकर हो जाइएगा दंग

कैसे एक आवेदन की जांच में उस घर की बहु के जरूरत के ल

सामान खरीदने के लिए वो दिलवाना चाहती थी रुपया

जिसका विडियो बनाकर किसी अन्य ने उसे अन्य रूप में दिया मोड़


पश्चिम चंपारण शिकारपुर थाने में तैनात महिला एएसआई का पैसा लेने का वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें एएसआई मीना कुमारी कुछ रुपए लेती दिख रही हैं। वहीं विडियो में कम पैसे होने के कारण महिला एएसआई ने पैसा फेंक दिया कहा इतना से नहीं होगा और झनकते हुए बोली, 'ये क्या दे रहे हैं, इसे और बढ़ाएं। प्रथम दृष्टया जब इस विडियो को कोई भी देखेगा तब यह पूरी तरह से महज तीन सौ रुपया का घुस लेने के साथ और रुपया मांगने की बात समझ आ सकती है। जिसको लेकर हमारे संवाददाता पूरे मामले की पड़ताल को लेकर शिकारपुर थाना के बरवा बरौली गांव पहुंचे ।जहाँ यह बातें सामने आई कि एक परिवार की महिला सास ने अपने ही बहु के खिलाफ आवेदन दिया था जिसके जांच को लेकर एएसआई मीना कुमारी पहुंची थी। जहाँ जांच के दरम्यान सास बहु के बीच खट्टे रिश्ते की पुष्टि हुई और सास अपने बहु की जरूरतों को ही पूरा नहीं करने देती थी। जिसको लेकर गांव की बहु ने जांच के लिए आई महिला अधिकारी एएसआई मीना कुमारी से सारी बातें बताकर अपनी जरूरत के सामानों की चर्चा की, जिसमें मोबाइल, कपड़ा और अन्य सामान थे। जिसको लेकर गांव के लोगों के समक्ष सास से बहु की जरूरत का सामान खरीदने की बात कही गई पर वो इंकार करती रही। वहीं सामान लगभग दो हजार का लगभग हो रहा था। जिसको लेकर अधिकारी व गांव के लोगों के कहने पर सास के द्वारा 300 रूपया लाकर दिया जाने लगा। जिसपर महिला एएसआई ने 300 रूपया फेंक कर और रुपया देने की बात कही पर वो नहीं दी। जिसके बाद एएसआई मीना कुमारी ने स्वयं अपनी मदद करने का वादा उस बहु से कर दी। जिसके लिए वो 13 मई को मोबाइल, कपड़ा और अन्य सामान भी खरीद ली थी। जिस बात की पुष्टि बरवा बरौली गांव के आवेदिका सास, बहु और ग्रामीणों ने भी किया है।

वहीं माहिल एएसआई मीना कुमारी ने बताया की मैं किसी भी कार्य में पैसा नहीं लेती, जहां तक होता है मैं अपने ही पाॅकेट से पैसा खर्च कर गरीब, असहाय लोगों की मदद करती हूँ। अगर मेरी इस बात से किसी को भरोसा नही हो रहा तो कृप्या कर के पूरे शिकारपुर थाना क्षेत्र के एक एक व्यक्ति से जानकारी ले सकते हैं। मैं किसी से पैसा लेकर अपना कार्य नही करती। किसी कार्य में अगर पैसा मिल भी गया तो वो पैसा जो देता है उसके ही परिवार में कुछ खरीद कर दे देती हूँ। रहा बात बरवा बरौली के वायरल वीडियो की तो जो वीडियो में दिख रहा है उस पैसा को आवेदिका (सास) के बहु को एक मोबाइल, एक साड़ी, साबुन, सर्फ खरीद कर रखी हूँ देने के लिए। जिसका बिल मेरे पास भी है, समय नही मिल रहा है की मैं जा कर उनके घर सारा सामान पहुंचा पाऊं। जो वीडियो वायरल हो रहा है वो वीडियो दिखाने का नजरिया बदल दिया गया है। अगर मैं रिश्वत लेने वाली रहती तो पैसा लेकर अपने घर परिवार को देती या अपना कोई कार्य करती। ऐसे ही लोगों में खर्च क्यूँ करती? ऐसा कुछ भी नही है, इसे सिर्फ शरारती तत्वों के द्वारा गलत तरीके से बनवा लिया गया है।


कोरोना काल से लेकर अबतक कई जरूरतमंदों और गरीबों की मदद अपने ड्यूटी के दरम्यान करती रही हूँ। रास्ता भटके लोगों को घर तक पहुंचाना, अपने निजी खर्च से गरीब परिवार के महिला को अस्पताल में इलाज, आॅपरेशन, दवा एवं खाद्य सामाग्री तक पहुंचाती रही हूँ। इन सबका कोई विडियो नहीं वायरल करता है क्योंकि इन सबसे लोगों को प्रेरणा मिल सकता है। एक महिला को कपड़ा और जीविकोपार्जन के लिए गाय तक खरीद कर दी हूँ। वहीं एक महिला के युट्रेस का आॅपरेशन, दवा, खाना पीना का इंतजाम किया जब तक कि वो ठीक होकर घर नहीं चली गई।

बरवा बरौली गांव के आवेदिका (सास), बहु और ग्रामीणों के ब्यान में कहीं भी घुस देने की बात कही गई बल्कि गांव की बहु की जरूरत सास के द्वारा पूरी नहीं किए जाने के कारण वो सास से ही सामान खरीदने की दबाव बना रही थी। जिसपर पहले तो सास तैयार नहीं हो रही थी पर गांव के लोगों के समझाने के पश्चात 300 रूपया देने को तैयार हुई और वही रुपया दिया जा रहा था, जिसका किसी ने विडियो बनाकर वायरल कर दिया। जबकि एएसआई मीना कुमारी गांव के उस बहु के लिए सामान खरीदने के लिए उसके सास से पैसा मांग रही थी और कम देने पर और देने की बात कह रही थी।

इस पड़ताल रिपोर्ट से एएसआई मीना कुमारी के घुस लेने के मामले की पुष्टि संबंधित महिलाओं, ग्रामीणों और महिला अधिकारी के दिए गए ब्यान से नहीं होता है।

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