इलाज के अभाव में मौत के गले लग गई श्वेता

बेतिया-जी हां हम बात कर रहे हैं रामनगर मिल कालोनी हरिनगर के रहने वाले नंद किशोर महतो की पुत्री श्वेता कुमारी उम्र 22 वर्ष की मृत्यु इलाज के अभाव में हो गई बताते चलें कि सोमवार की रात्रि सांस लेने में दिक्कत हो रही श्वेता कुमारी को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में परिजनों द्वारा लाया गया जहां पर अस्पताल में मौजूद कर्मियों ने भर्ती तो कर लिया परंतु श्वेता को देखने के लिए कोई चिकित्सक नहीं आया और सांस लेने में हो रही दिक्कत पर कोई ऑक्सीजन लगाना भी उचित नहीं समझा और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण 4 घंटे के बाद श्वेता ने इलाज के अभाव में अपना दम तोड़ दिया इस संबंध में मृतक के पिता नंद किशोर महतो ने बताया कि जब उनकी पुत्री को अस्पताल में भर्ती किया लाया गया तो किसी तरह अस्पताल में मौजूद नर्स ने पानी चढ़ाया और ऑक्सीजन की कमी होने की बात बताई परंतु ऑक्सीजन चढ़ाने के लिए एक भी ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल में मौजूद नहीं होने के कारण उनकी पुत्री को ऑक्सीजन नहीं दिया जा सका साथ ही साथ उनकी पुत्री बेड पर 4 घंटा तड़पती रही और कोई भी चिकित्सक देखने तक नहीं पहुंचा और अंत में वह तड़प तड़प कर मर गए उनके लाख चिल्लाने और शोरगुल करने पर भी कोई देखने तक नहीं आया जहां स्वास्थ सुविधा के लिए जिले में गवर्नमेंट के मेडिकल कॉलेज तो बन गया परंतु इस प्रकार की हो रही लापरवाही के कारण किसी न किसी मरीज की मौत आए दिन हो जा रही है आखिर इसके लिए दोषी कौन जहां बिहार के स्वास्थ्य मंत्री बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर होने के लाख दावे ठोक रहे हैं और धरातल पर चिकित्सकों और सुविधा के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं अब तो यही लग रहा है कि सरकारी अस्पतालों में मरीज भाग्य भरोसे बच जाए तो वह ईश्वर की कृपा परंतु सरकार की व्यवस्था की कृपा शायद आमजन पर नहीं

टिप्पणियाँ