बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर जयंती पर भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने किया माल्यार्पण

लूट, झूठ, नफरत, हिंसा, दमन और आतंक के दौर में न्याय और अधिकार के लिए आंदोलन तेज़ करेगा माले

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर जयंती पर भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव ने कहा कि भारतीय राज वर्तमान में फासीवाद राज में बदल चुका है। लूट, झूठ, नफरत, विभाजन, हिंसा, दमन और आतंक उसकी अभिव्यक्तियां हैं। 

घोषित और अघोषित आपातकाल से आगे बढ़कर यह स्थाई आपातकाल है। अच्छे दिन से निकल कर अमृत काल की बात हो रही है। लेकिन सच्चाई यही है कि जिस तरह से पिछड़े विचारों और मूल्यों को प्रतिष्ठित किया जा रहा है, वह समाज को पीछे ले जाना है। हाल में रामनवमी त्योहार के दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में जो हिंसा कराई गई, वह भाजपा-संघ परिवार की सोची समझी नीति के तहत है। वह धार्मिक त्योहारों का इस्तेमाल सांप्रदायिक नफरत और सामाजिक विभाजन के लिए कर रहा है। हमने देखा कि उनके द्वारा फैलाई गई इस नफरत की आग का निशाना बिहार शरीफ के एक आधुनिक मदरसे को बनाया गया । वहां के तमाम दस्तावेजों को आग के हवाले कर दिया गया। यह सब 2024 के चुनाव को ध्यान में रखकर बिहार, बंगाल जैसे गैरभाजपा शासित राज्यों में किया जा रहा है। इसके द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के अंदर आतंक, डर और असुरक्षा का माहौल तैयार करने में लगा है। 

आगे माले राज्य कमिटी सदस्य सुनील यादव ने कहा कि बिहार में रामनवमी की सांप्रदायिक हिंसा के दूसरे दिन अमित शाह वहां वोट मांगने पहुंच गए। जिन अमित शाह की सरकार ने बिल्किस बानो के बलात्कारी और उनके परिवार के हत्यारों को न केवल रिहा किया बल्कि उनका नायकों जैसा स्वागत किया, वे बिहार में दंगाइयों को उल्टा लटकाने का दावा कर रहे हैं। वे बिहार में सांप्रदायिक घृणा और कत्लेआम का गुजरात जैसा ही मॉडल दोहराना चाहते हैं। इस मौके पर सुरेन्द्र चौधरी, आफाक अहमद, ठाकुर पटेल, जगन राम, सुकई राम, माधो राम, रामचन्द्र यादव, विनोद कुशवाहा, आइसा नेता अभिमन्यु राव, हसमत आदि नेताओं ने जिला मुख्यालय पर स्थित बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के आदमकद मुर्ती पर माल्यार्पण किया

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