जच्चा एवं बच्चा दोनों की जान कीमती, मानवीय संवेदना के साथ कराएं सुरक्षित प्रसव : जिलाधिकारी

स्टील बर्थ, चाइल्ड डेथ, मैटनरल डेथ की घटना नहीं हो, इस हेतु करें कारगर उपाय।

मेडिकल गाइडलाइन का करें अक्षरशः अनुपालन, जच्चा एवं बच्चा का केयर जरूरी।

बेतिया - जिलाधिकारी, कुंदन कुमार की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में एएनसी, आईएफए/कैल्शियम/आयरन डिस्ट्रीब्यूशन, एचबीएनसी, लैब टेस्ट, एक्स-रे सर्विस, परिवार कल्याण ऑपरेशन महिला, परिवार कल्याण नसबंदी ऑपरेशन पुरूष, होम डिलीवरी, मैटरनल डेथ, चाइल्ड डेथ, स्टील बर्थ, ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम, कोविड टेस्टिंग, रूटिन इम्यूनाईजेशन, मिशन क्वालिटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट आदि की विस्तृत समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम में सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि वितीय वर्ष 2022-23 में 18 फरवरी तक 1441295 आउटडोर मरीज, 201405 इनडोर मरीज को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराया गया है। परिवार कल्याण ऑपरेशन के तहत 9260 महिला का सफल ऑपरेशन किया गया है तथा 85 पुरूषों का नसबंदी किया गया है। 61414 संस्थागत प्रसव कराये गये हैं।

पृच्छा पर बताया गया कि विभिन्न जगहों पर मेडिकल प्रोटोकॉल का अनुपालन करने के बावजूद प्रसव के दौरान चाइल्ड डेथ सहित स्टीलबर्थ के मामले में आये हैं।

जिलाधिकारी द्वारा इसे अत्यंत गंभीरता से लिया गया तथा निर्देश दिया गया कि आइसीएमआर गाइडलाइन के तहत एसओपी का अक्षरशः अनुपालन करते हुए प्रसव आदि कार्य कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि सिविल सर्जन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम जिसमें गाइनिंग भी शामिल हों, का गठन किया जाय। जांच टीम सूक्ष्मता से जांच करेगी कि किन कारणों से चाइल्ड डेथ, स्टील बर्थ के केस हुए हैं। साथ ही उन कारणों को कैसे ठीक किया जाय, जिससे कि इस प्रकार के केस नहीं हो, इस पर बेहतर तरीके से कार्य किया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि स्टील बर्थ, चाइल्ड डेथ, मैटनरल डेथ की घटना अत्यंत ही अफसोसजनक है। सभी को ऐसा प्रयास करना चाहिए कि अस्तपाल में आने वाली गर्भवती महिलाएं स्वस्थ बच्चे को जन्म दें और सकुशल अपने घर पहुंचे। इस कार्य में डॉक्टर्स, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं को समन्वित प्रयास करते हुए संकल्पित रूप से सुरक्षित प्रसव कराना चाहिए, जिससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। उन्होंन निर्देश दिया कि एएनएम और जीएनएम को अच्छे तरीके से प्रशिक्षित करायें ताकि डिलीवरी के समय परेशानी नहीं हो तथा जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। डिलीवरी के वक्त प्रॉपर ट्रीटमेंट मुहैया कराये। जच्चा और बच्चा का बेहतर तरीके से केयर करें। मैटनरल डेथ नहीं हो इस हेतु आशा को तत्परतापूर्वक मानवीय संवेदना के साथ कार्य करना होगा। 

उन्होंने निर्देश दिया कि डॉक्टर्स स्वयं सभी मेडिकल प्रोटोकॉल का शत-प्रतिशत अनुपालन करेंगे और एएनएम और जीएनएम को करने के लिए निर्देशित करेंगे। सभी को यह हर संभव कोशिश करनी है कि स्टील बर्थ, चाइल्ड डेथ के मामले जिले में शून्य रहे। प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओं की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की जानी आवश्यक है। जांच रिपोर्ट के अनुरूप आवश्यक दवाएं, खान-पान के उपयोग हेतु गर्भवती महिलाओं को प्रेरित करें। इस कार्य में तनिक भी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि एएनसी सर्विस डिलीवरी प्रॉपर तरीके से कराना सुनिश्चित करें। प्रत्येक गर्भवती महिला का एएनसी सुनिश्चित किया जाय। एएनसी बढ़ाने के लिए वर्किंग प्लान तैयार करें ताकि आउटकम परिलक्षित हो सके। उन्होंने निर्देश दिया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम में तहत महिलाओं का ऑपरेशन एवं पुरूष नसबंदी हेतु जनजागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जाय। गर्भ निरोधक उपायों के उपयोग हेतु आमजनों को प्रेरित किया जाय।

ड्रग एवं वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि दवाओं का इंडेंट ससमय करें। स्टोर इंचार्ज सतर्कता बरतें। पर्याप्त मात्रा में दवाओं का स्टॉक अस्पताल में होना चाहिए। दवाओं के स्टॉक का भौतिक सत्यापन नियमित रूप से कराना सुनिश्चित किया जाय ताकि मरीजों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। 

जिलाधिकारी ने कहा कि ड्यूलिस्ट, सर्वे रजिस्टर अपडेट रखा जाय। आशा, एएनएम इस पर विशेष ध्यान दें। नियमित टीकाकरण से प्रत्येक बच्चे को आच्छादित किया जाय। लोगों को अवेयर किया जाय कि बच्चों का नियमित टीकाकरण कराना अतिआवश्यक है। इसके साथ ही नियमित टीकाकरण हेतु सेशन साइट को आवश्यकतानुसार बढ़ाने की कार्रवाई भी की जाय। 

एएनसी में अपेक्षाकृत कम उपलब्धि को लेकर बैरिया, मझौलिया, सिकटा, नौतन एवं बगहा के एमओआइसी को शोकॉज करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया। एमओआइसी, योगापट्टी को शोकॉज तथा वेतन निकासी अवरूद्ध करने तथा बैठक से अनुपस्थित रहने के कारण सीडीपीओ, बगहा-01 को शोकॉज तथा वेतन अवरूद्ध करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया। 

इस अवसर पर सिविल सर्जन, एसीएमओ, डीपीओ, आइसीडीएस, सभी एमओआइसी, यूनिसेफ, डब्लूएचओ, केयर के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

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