बेतिया| भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रशिक्षु पदाधिकारी सह अधिसूचित नगर आयुक्त सुश्री शिवाक्षी दीक्षित ने कहा कि नगर निगम नगर पालिका क्षेत्र एक विशेष व सबसे शक्तिशाली शहरी निकाय है। जिसको नगर निगम बोर्ड द्वारा संचालित किया जाता है। इसके पूरे क्षेत्र को छोटी इकाइयों में विभाजित किया जाता है। जिसे वार्ड कहा जाता है। एक नगर निगम एक वार्ड समिति का गठन करता है और इस समिति के पास प्रत्येक वार्ड के लिए एक पार्षद का पद सृजित किया जाता है। इस समिति के सदस्यों को पांच साल की अवधि के लिए चुना जाता है और उन्हें नगर पार्षद कहा जाता है।
नगर निगम क्षेत्र में वार्डों की संख्या निर्धारित रहती है और कुछ क्षेत्र अनुसूचित जाति/जन जाति, पिछड़ी जाति और महिलाओं के लिए आरक्षित होते हैं। नगर निगम का महापौर होते या होतीं हैं। उनके शासकीय सहयोग और कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में नगर आयुक्त द्वारा शासन व्यवस्था संभाली जाती है। महापौर के कार्य निगम की विकास योजनाओं प्रबंधन, निर्देशन और नियंत्रण करना होता है।
मेयर और डिप्टी मेयर दोनों का कार्यकाल पांच साल का होता है। मेयर जनता द्वारा चुना जाता है। कार्यकारी अधिकारी महापौर, उप महापौर, पार्षदगण की बोर्ड और सशक्त स्थाई समिति के निर्णय/सलाह से नगर निगम के विकास और योजना को लागू करते हैं। नगर आयुक्त शंभू कुमार ने बताया कि नगर निगम के कार्यों में शहर और शहरी आवास, सार्वजनिक स्वास्थ्य, अग्निश्मन सेवाओं, स्लम क्षेत्रों में सुधार, स्ट्रीट लाइट का रखरखाव और आराम, सामाजिक विकास आदि को भी शामिल किया गया है। मौके पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपमेयर सहित सभी पार्षदगण, अधिकारीगण इत्यादि मौजूद रहे।
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