गृहमंत्री अमित शाह वापस जाओ :माकपा

बेतिया केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पश्चिम चम्पारण के लौरिया में आगमन निश्चय ही किसी खौफ का संदेश है । क्योंकि नफरती जहर बोने के माहिर कहे जाने वाले अमित शाह जिन्हें 2002 में हुए गुजरात दंगा के समय न्यायालय ने गुजरात से तड़ीपार किया था । गांधी की कर्मभूमि चम्पारण में उनका आना कई शंकाओं को पैदा करता है । इसलिए माकपा तथा भाकपा ने अमित शाह को वापस जाने की मांग की । क्योंकि बाबासाहब अंबेडकर की संविधान की शासक वर्ग द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही है । लोकतांत्रिक अधिकारों में कटौती की जा रही है । एल आई सी और एस बी आई में जमा जनता की गाढ़ी कमाई सरकारी मिली भगत से देश में 609 वें स्थान पर रहने वाले पूंजीपती अदाणी को देकर रातों रात दुनिया के दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया गया। 

देश की आर्थिक ढांचा चरमरा गई है । एक बार फिर जनता की पैसों को लेकर देश से भागने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी की राह पर अदाणी नजर आ रहे हैं। ऐसे लुटेरों से देश की रेल , सेल , कोयला , हवाई जहाज , बंदरगाहों और सड़कों को मनमाने ढंग से बेच दिया गया है और जब इसके खिलाफ आवाज उठ रहे हैं तो नफरती जहर बोकर सामाजिक ताना बाना को तोड़ने , हिंदू मुस्लिम , मंदिर मस्जिद जैसे सांप्रदायिक उन्माद में देश को झोंका जा रहा है । चम्पारण के किसान ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ मजबूती के साथ खड़े हुए थे । गांधी जी यहां आकर उन्हें और बल दिया था। गांधी जी कस्तूरबा के साथ यहां वर्षों रहे । लोगों में शिक्षा का प्रसार किया और यह चम्पारण का किसान आंदोलन पूरे देश को आंदोलित किया था । 16 मार्च 1974 चम्पारण का छात्र आंदोलन महंगाई , बेरोजगारी , भ्रष्टाचार और शिक्षा में आमूल परिवर्तन की मांग को लेकर आगे बढ़ा । 

छात्रों पर गोलियां चली। 7 लोग मारे गए। लेकिन वह आंदोलन राष्ट्रव्यापी बनकर इंदिरा गांधी के अधिनायकवाद को परास्त किया था । अब यह चम्पारण की धरती देश की अखंडता और एकता के लिए , संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए तथा शासक वर्ग की सांप्रदायिकता को समूल समाप्त करने के लिए संखनाद करेगा । जो मंजिल तक पहुंचने वाले चम्पारण के इतिहास को अंजाम देगा । आज के दिन पूर्णिया में 8 जिलों के जनवाद पसंद लोगों का विशाल जन सैलाब सांप्रदायिकता को चूर चूर करने का शपथ लेगा ।

आज के दिन अमित शाह का पुतला फूंक कर सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखने का हम भी शपथ लें ।इस कार्यक्रम का नेतृत्व माकपा के बिहार राज्य सचिव मण्डल सदस्य प्रभुराज नारायण राव , भाकपा के जिला मंत्री ओमप्रकाश क्रान्ति , माकपा जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव , राधामोहन यादव , प्रभुनाथ गुप्ता ,शंकर कुमार राव , कृष्णनंदन सिंह , म. हनीफ , चंद्रिका साह , सुशील श्रीवास्तव , नीरज बरनवाल, अंजारूल, ध्रुव तिवारी , सफेशर अली , ज्वाला कांत दुबे , मनोज कुशवाहा , लक्की कुमारी , गायत्री देवी , कलावती देवी , शम्भू प्रसाद , छोटेलाल प्रसाद , मनौवर अंसारी , जुमदीन अंसारी आदि ने किया ।

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