महिला व बालिकाओं को उत्पीड़न मुक्त जीवन सभ्य समाज की पहली जिम्मेदारी:गरिमा

लिंगभेद और भयमुक्त माहौल के अभाव के कारण पिछड़ रहा आधी आबादी का विकास

जागरूकता अभियान और एसआरएच कार्यक्रम चलाने के लिए जताया युगांतर संस्था का आभार

बेतिया । नगर निगम क्षेत्र के शेखौना मध्य विद्यालय, पिपरा में यौन स्वास्थ आधारित 'एसआरएच' प्रोग्राम के जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। किशोरी बालिकाओं और महिलाओं की बड़ी भागीदारी के बीच युगांतर संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि महिला व बालिकाओं को उत्पीड़न मुक्त जीवन प्रदान करना सभ्य समाज की पहली जिम्मेदारी है।क्योंकि समाज में व्याप्त लिंगभेद और भयमुक्त माहौल के अभाव के कारण आधी आबादी कही जाने वाली महिलाओं का विकास पिछड़ता रहा है। 

जागरूकता और शिक्षा के अभाव में यौन स्वास्थ सामान्य और कमजोर वर्ग की महिला और किशोरियों के लिए भी एक बेहद संवेदनशील और गंभीर समस्या रही है। श्रीमती सिकारिया ने कहा कि मैं आभारी हूं आप युगांतर जैसे सामाजिक संगठन टीम की, क्योंकि आप सब दोनों चंपारण में इस विषय पर जागरूकता, सामाजिक संवेदनशीलता और यौन उत्पीडन से पीड़ित को सम्मानजनक सुरक्षा और सहायता जैसे गंभीर मुद्दे पर काम कर रहे हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की घोषणा और युगांतर टीम के कार्यक्रम के हवाले से उन्होंने बताया कि वास्तव में यौन स्वास्थ्य से जुड़ी जागरूकता और अनुसंधान को सामाजिक तौर पर 'एसआरएच' के नाम से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने परिभाषित किया है। जिसको लेकर अपने देश और दुनियाभर में काम हो रहा है। इसके अनुसार यह माना गया है कि यौन स्वास्थ्य का संबंध तंदुरुस्ती से है, न कि केवल बीमार नहीं होने से। यौन स्वास्थ्य में सम्मान, सुरक्षा और भेदभाव और हिंसा से मुक्ति शामिल है। यौन स्वास्थ्य स्थायी रूप से कुछ मानवाधिकारों की जांच करता है। यौन स्वास्थ्य किसी व्यक्ति के जीवन भर के लिए प्रासंगिक है, न केवल जन्म के वर्षों में बल्कि युवा और बुजुर्ग दोनों के लिए भी।


यौन स्वास्थ्य विभिन्न उचता और यौन अभिव्यक्ति के रूपों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है। कार्यक्रम का संचालन युगांतर टीम के प्रोग्राम मैनेजर पंकज किशोर ने किया आयोजन में युगांतर टीम के किरण पांडेय, विजय उपाध्याय, पलक, सोनी देवी, संतोषी देवी, गजन दास, कोमल कुमारी आदि सहित सैकड़ों किशोरी बालिकाओं और महिलाओं की भागीदारी रही।

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