एनजीओ द्वारा परीक्षा केंद्र बना ली जा रही सेविका,सहायिका की परीक्षा का सूचना देने पर आला अधिकारी रहे मौन
बेतिया रविवार के दिन आशा नगर स्थित एक निजी स्कूल के परिसर में एक एनजीओ द्वारा आंगनबाड़ी में बहाली के नाम पर सेविका और सहायिका की परीक्षा बड़े ही जोर शोर से संचालित किया जा रहा हैं बताते चलें कि इस परीक्षा का फार्म भरने के नाम ₹740 प्रति महिला परीक्षार्थी से एनजीओ संचालक द्वारा लिया गया है इतना ही नहीं परीक्षा देने वाले 1200 महिला परीक्षार्थी उस परीक्षा सेंटर पर परीक्षा देने आए थे सेंटर पर इतनी न भीड़ थी की घंटों सड़क जाम लगा रहा मजे की बात यह है कि जिले के नामी स्कूल संत जेवियर्स के बगल में एक निजी स्कूल में यह परीक्षा बिना किसी प्रशासनिक सूचना व व्यवस्था के बिना ही ली जा रही हैं और कदाचार युक्त परीक्षा संचालित हो रहा हैं इस संबंध में परीक्षा देने आए महिलाएं एवं उनका अभिभावकों का कहना था कि उनके पंचायत के वार्ड सदस्यों द्वारा यह जानकारी दी गई है और फिर एनजीओ के कर्मचारियों द्वारा वे लोग संपर्क करा कर ₹740 देकर सेविका और सहायिका के नौकरी के लिए इस पद पर बहाली के लिए यह परीक्षा आयोजित की गई है इस परीक्षा में पास होने पर विभिन्न वार्ड स्तर पर उनकी बहाली होगी जब इस संबंध में विभागीय पदाधिकारियों से संपर्क कर पूछा गया तो वे लोग ऐसी कोई परीक्षा की जानकारी नहीं होने की बात कही, मजे की बात की इस संबंध में संवाददाताओं की टीम जिला पदाधिकारी,सदर अनुमंडल पदाधिकारी समेत स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी को जब दूरभाष पर संपर्क किया गया और सूचना देना चाहा तो घंटों घंटी बजती रही पर कोई पदाधिकारी फोन उठाना उचित नहीं समझा, एक दो पदाधिकारी फोन भी उठाए तो छुट्टी का दिन बता कर मामले को टाल मटोल कर दिए अब यहा सवाल उठता है कि आखिरकार इस प्रकार का परीक्षा का आयोजन कर कई सैकड़ों बेरोजगारों को रोजगार देने का ठगी करने के मामले का जिले में इस प्रकार ठगी का मामला पूर्व से फल फूल चल रहा है और प्रशासन सुस्त पड़ी है और मीडिया इस पर पैनी नजर बनाई हुई है तो प्रशासन क्यों नहीं इस पर अमल कर रही है कहीं ऐसा तो नहीं कि इस प्रकार की हो रही ठगी में प्रशासनिक व्यवस्था की भी मिलीभगत है।
यह मामला बेतिया जिला मुख्यालय स्थित वीसीडीआई सोशल फाउंडेशन प्राइवेट एनजीओ के द्वारा आंगनवाड़ी सेविका सहायिका बहाली परीक्षा की मची होड़ तस्वीर की है जहा परीक्षा में विभिन्न क्षेत्रों से आए जिले के ग्रामीण महिलाओ में नौकरी के लिए मची होड़, घंटो रोड़,भीड़ से बाधित देख परीक्षा में आई महिलाओ को देख लग रहा है जब भीड़ को देख इसकी जानकारी प्राप्त की गई तो महिलाओ ने बताया कि आंगनवाड़ी सेविका सहायिका पद के लिए हमलोग परीक्षा देने आए हैं लगभग दो से तीन सप्ताह पूर्व में आवेदन ऑफलाइन किया है जिसका परीक्षा दे रहे है फार्म भरने के बाद वीसीडीआई सोशल फाउंडेशन प्राइवेट एनजीओ के माध्यम से जिले के हजारों ग्रामीण महिलाए शिक्षित बेरोजगार महिला नौकरी पाने की होड़ में है उन्हे यह भी नहीं पता की आंगनवाड़ी सेविका सहायिका की बहाली कैसे होती हैं कुछ महिलाओ का कहना था कि आंगनवाड़ी सेविका सहायिका की यह बहाली प्राइवेट है ग्रामीण महिलाए दिग्भ्रमित है जबकि कुछ महिलाओ ने बताया कि यह बहाली सरकारी की जा रही है जबकि आंगनवाड़ी सेविका सहायिका की बहाली परीक्षा आशा नगर बेतिया स्थित आशा इंटरनेशनल इंगलिश प्राइवेट स्कूल में किराया पर लेकर परीक्षा केंद्र बना एक एनजीओ के द्वारा परीक्षा लिया जा रहा है, ऐसे में आंगनवाड़ी सेविका सहायिका की बहाली जबकि सरकार के सरकारी विज्ञापन जारी होने के पश्चात ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन होता है ऐसे में आंगनवाड़ी सेविका सहायिका की बहाली करना और 740 रुपया में ऑफलाइन आवेदन कराना और परीक्षा लेकर नौकरी देना,यह कौन सा खेल है ऐसा आदेश किस सरकार और सरकार के प्रशासन के द्वारा एनजीओ को आदेश मिला है जो आंगनवाड़ी की नौकरी दे रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दिग्भ्रमित कर परीक्षा लिया जा रहा है वही परीक्षा देने आई महिलाओ ने बताया कि फॉर्म के नाम पर ₹740 लीया गया है वही वीसीडीआई सोशल फाउंडेशन प्राइवेट एनजीओ के कर्मी स्पष्ट रूप से कैमरा के सामने स्वीकार करते हुए बता रहा है कि आंगनवाड़ी सेविका सहायिका की परीक्षा ली जा रही हैं वह आंगनवाड़ी सेविका सहायिका सरकारी नौकरी के रूप में काम करेगी,इस बात को संवाददाता के कैमरा के सामने बता रहा है।ऐसे में आंगनवाड़ी सेविका की बहाली तो मेघासुची के आधार पर की जाती है और वरीय पदाधिकारी के संज्ञान में होता है तो आखिर में यह परीक्षा किस बात की ली जा रही है और ₹740 की एवज में जो राशि ली जा रही है जो जिले मे कुल आवेदन लगभग 1200 से ऊपर हुआ है जो कई लाखो की कमाई दिख रही हैं वह जांच का विषय है जिसे आपके समक्ष मैं प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूं।जो लोगो को नौकरी के नाम पर धोखा दिया जा रहा है।
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