25 दिसम्बर "बड़ा दिन" को लेकर कैथलिक समाज आयोजित करते हैं कैरोल सिंगिंग
यीशु ख्रीस्त के की होती है धूमधाम से तैयारी
बेतिया (सोनू भारद्वाज) । वर्ष के अंत में दिसम्बर माह आता है और जैसे ही दिसम्बर माह आरम्भ होता है सर्दी व ठंड का एहसास हमें होने लगती है। ऐसे में उन ठंडियों में एक खास त्योहार की चहल पहल और उत्साह देखने को मिलती है। वो खास त्योहार को 25 दिसम्बर बड़ा दिन के रूप में जानते व मनाते हैं। इसे क्रिसमस पर्व भी कहते हैं। क्रिसमस के पहले ईसाई समुदाय यीशु के आगमन के लिए अपने को अध्यात्मिक रूप से तैयार करते हैं और इसकी तैयारी विशेष रूप से करने के लिए कैरोल सिंगिंग में भाग लेते हैं। जो कि प्रार्थना का एक विशेष भाग है और जो कि यीशु ख्रीस्त के विभिन्न गुणों का अवलोकन मुक्ति दाता के रूप में होता है। कैरोल सिंगिंग में पूरी जोश के साथ समूह में भाग लेते हैं।
यह क्रिसमस की प्रार्थना का ही विशेष रूप है। बेतिया कैथलिक समाज 276 वर्ष पुराना है (बेतिया चर्च का इतिहास पढे...) और भारत में सबसे पुरानी कैथलिक कलेशिया समुदाय में रहता है। उत्तर भारत में बेतिया का इतिहास सबसे पुराना है। अतः यहां के कैथलिक इसाईयों में क्रिसमस मनाने की एक विशेष परम्परा है। गोवा के बाद बेतिया पहला पल्ली है जहाँ ईसाई समुदाय एक ही जगह रहते हैं। फलतः इसकी एक अपनी एक अलग नजाकत और विशेष महत्व की विरासत है। क्रिसमस में देश विदेश से ईसाई परिवार बेतिया आते हैं और क्रिसमस में भाग लेते हैं। साथ ही साथ क्रिसमस से ही ईसाई परिवारों में शादि विवाह शुरू होता है और एक दूसरे से मिलते हैं। इस बीच लोग अपनी सालगिरह भी मनाते हैं क्योंकि 25 दिसम्बर से ही उनकी शादी होनी शुरू होती है। यह त्योहार से शुरू शादी तक लगभग 2 सप्ताह का महोत्सव होता है। इसी संदर्भ में नया साल और तीन राजाओं का पर्व मनाया जाता है। इसके पश्चात यह महोत्सव समाप्त होता है।
क्रिसमस के आने के अवसर पर आयोजित कैरोल सिंगिंग का आयोजन बेतिया के ऐतिहासिक काथलिक चर्च परिसर में प्रतियोगिता के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विशप स्वामी सेबास्टियन गोवियस, पूर्व आईआरएस प्रमोद कुमार राय, एसएसबी कमांडेंट राजेश कजूर और पल्ली पुरोहित फादर हेनरी फर्नाॅडो उपस्थित रहें। इस कार्यक्रम प्रतियोगिता में बेतिया के केआर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, संत जेवियर्स हायर सेकंडरी, संत जोसेफ, संत रेमिजियस, संत थोमस, संत तरेसा शिक्षण संस्थाओं ने ग्रूप के रूप में प्रतिभागी के भूमिका निभाई। जिन्होंने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। कैरोल सिंगिंग प्रतियोगिता में इंटर स्कूल ग्रूप में प्रथम स्थान केआर स्कूल, द्वितीय पुरस्कार संत जेवियर्स स्कूल और तृतीय पुरस्कार संत जोसेफ स्कूल को गया। वहीं इंटर स्कूल सोलो में प्रथम पुरस्कार केआर की विजया लक्ष्मी को, द्वितीय पुरस्कार संत तरेसा की धान्वी को और तृतीय पुरस्कार संत रेमिजियस के सन्नी राज को मिला। वहीं प्रतिभागी के रूप में शामिल सुपर सीनियर ग्रूप में संत जेवियर्स स्कूल के शिक्षकों को प्रथम पुरस्कार, संत थोमस मिशन के शिक्षकों को द्वितीय पुरस्कार और मेंबर फाॅर क्राइस्ट को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन बेतिया पेरिस युथ के मयंक डेविड और प्रिंस चार्ल्स ने केआर के शिक्षक जेम्स माइकल के सहयोग से किया। जिसमें मंच का संचालन प्रियंका ओस्ता, शिखा पीटर और श्वेता रेमी ने ओजपूर्ण तरीके से संचालित कर कार्यक्रम को घंटों उल्लासपूर्ण बनाए रखा। धन्यवाद ज्ञापन पल्ली पुरोहित फादर हेनरी ने किया और कार्यक्रमों की सारी जानकारी वरीय शिक्षक जेम्स माइकल ने दी। कैरोल सिंगिंग कार्यक्रम के प्रायोजक अरोड़ा स्वीट्स, ज्योति मेडिकल, मोती मस्त रेस्टोरेंट, शेयर खान, चेरी फैमिली रेस्टोरेंट, स्कूल प्वाइंट, बाम्बे बेडिंग स्टूडियो, दूर्गा इंटरप्राइजेज, संत माइकल एकाडमी, चाणक्य काॅलेज, कम्प्यूटर जक्शन, संत मेरी स्कूल, वेदांत पब्लिक स्कूल, संत रेमिजियस, लाइफलाइन न्यूरो और एडलिन लिलिट फ्लावर स्कूल आदि रहें।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें