माता मरियम की निकाली गई शोभा यात्रा

बेतिया । नगर के पादरी दुसैया में माता मरियम की शोभा यात्रा निकाली गई। यात्रा में ईसाई समुदाय के युवा- हिमांशु, आशीष, प्रेम जॉन, सुमित बेनतुरा, सोनू विक्टर, प्रिंस अलेक्जेंडर, अमित डेविड , प्रकाश दीपक ,विकी विक्टर, विशाल विक्टर, चंदन पिटर, एवं ईसाई समुदाय के युवा अध्यक्ष- रोहित मुकुल, एवंं ईसाई समुदाय के पूर्व युवा अध्यक्ष- आंजिलो एस जेकब, सभी ने शोभायात्रा को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। 

इस दौरान पूर्व वार्ड सदस्य एवं वार्ड नंबर 33 के भावी वार्ड पार्षद प्रत्याशी पति - रवि माईकल सिंह ने बताया इस शोभायात्रा में दूर-दूर से सभी जाति- धर्म के श्रद्धालु अपने भक्ति के साथ यहां पर दर्शन एवं मन्नत मांगने के लिए आते हैं और उनकी जरूरतें पूरी होती है। यह शोभायात्रा बेतिया क्रिश्चियन क्वार्टर के श्रद्धालुओं द्वारा माता मरियम के डोली के साथ प्रार्थना करते हुए शहर मार्ग से पादरी दुसैया के ग्वादलुपे माता मरियम गिरजाघर में आते हैं। उसके बाद सभी श्रद्धालुओं द्वारा इस डोली को लेकर पादरी दुसैया में शोभायात्रा निकाली जाती है। 

शोभायात्रा के बाद प्रार्थना सभा का संचालन बेतिया धर्म प्रांत के बिशप एवं पुरोहित द्वारा संचालित किया जाता है। यह शोभायात्रा प्रत्येक वर्ष 12 दिसंबर के आस-पास आने वाले रविवार को निकाली जाती है । जिससे सभी श्रद्धालु छुट्टी के दिन माता का आशीर्वाद ले और अपनी मन्नत मांग सके। इस शोभायात्रा के पहले 9 दिवसीय नवेना प्रार्थना होती है। जिसमें बहुत सारे श्रद्धालु आते हैं और नवेना प्रार्थना करते हैं। जो कि अलग-अलग पल्ली से आए हुए पुरोहितों द्वारा संचालित किया जाता है। 

इस शोभायात्रा में लगभग तीन हजार श्रद्धालु आते हैं। जिनके लिए माता के प्रसाद के रूप में भोजन की व्यवस्था की जाती है। जिसे प्रसाद के रूप में सभी जाति-वर्ग के लोग ग्रहण करते हैं। जो लोग बाहर से आते हैं उनके लिए भी ठहरने की व्यवस्था की जाती है । यह यात्रा कोविड-19 के कारण 2 वर्षों से सरकार के निर्देशों द्वारा नहीं हो सका था। जिसके कारण इस साल श्रद्धालुओं में हर्ष और उल्लास का माहौल है। यह शोभायात्रा प्रशासन के छत्रछाया में संपन्न होता है। लेकिन बेतिया क्रिश्चियन क्वार्टर  से जब यह शोभायात्रा बारी टोला में प्रवेश करती है तो सभी धर्म, वर्ग, समुदाय के लोग सड़क की सफाई, एवं ट्रैफिक की समस्या से आपसी सहयोग करते हैं। जिससे माता मरियम की यह यात्रा अति-शोभनीय हो जाती है। 

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