खेतों में पराली जलाने से नुकसान ही नुकसान, पराली का सदुपयोग करें कृषक बंधु : जिलाधिकारी

पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर की जायेगी कार्रवाई, लाभाकारी योजनाओं से कर दिया जायेगा वंचित।

कृषि एलायड डेयरी, पोल्ट्री, गोट्री, मशरूम, मखाना कल्टीवेशन आदि के क्षेत्र में आगे बढ़े जिले के किसान।

बैरिया प्रखंड अंतर्गत बथना पंचायत के सुदामा नगर में रबी किसान चौपाल का हुआ आयोजन।

बेतिया (सोनू भारद्वाज)। बैरिया प्रखंड अंतर्गत बथना पंचायत के सुदामा नगर में आज रबी किसान चौपाल का आयोजन किया गया। रबी किसान चौपाल का शुभारंभ जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा कलश दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर एसडीएम, बेतिया, विनोद कुमार, वरीय उप समाहर्ता, रवि प्रकाश, जिला कृषि पदाधिकारी, विजय प्रकाश सहित मघुसूदन तिवारी, अजय मिश्रा, शिवरतन यादव, नसीर मियां, हमिद मियां, मैनेजर यादव, खेनारी साह, ललन सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में अन्य कृषक बंधु उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी अन्नदाता है, जीवन दाता है, आपकी अहमियत काफी ज्यादा है। आपके आय के साधन को कैसे आगे बढ़ाया जाय, नये युवाओं को कैसे कृषि से जोड़ा जाय, इस पर तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है। किसानों के उत्थान एवं कल्याण के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे कृषक बंधु लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान के तहत आज यहां रबी किसान चौपाल का आयोजन किया गया है। फसल अवशेष प्रबंधन की तरफ कृषकों को गंभीर होना पड़ेगा। खेतों में पराली जलाने से नुकसान ही नुकसान है। इससे खेतों की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है, पर्यावरण तथा मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कृषक फसल अवशेष का सदुपयोग करें, खेतों में नहीं जलायें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पूर्ण रूप से कटिबद्ध है कि कोई भी व्यक्ति पराली जलाता हुआ पाया जायेगा तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। साथ ही किसानों को मिलने वाले सभी लाभों से वंचित भी कर दिया जायेगा। किसान अगर खेतों में पराली जलाएंगे तो कृषि विभाग उसको आसानी से सैटेलाइट के माध्यम से टै्रक कर लेता है, उसके बाद उनके विरूद्ध नियमानुकूल कार्रवाई की जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के किसानों को कृषि एलायड डेयरी, पोल्ट्री, गोट्री, मशरूम, मखाना कल्टीवेशन आदि के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। कृषकों को परंपरागत खेती-किसानी से आगे आकर नई टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन का प्रयोग कर कृषि उत्पादकता को बढ़ाना चाहिए। सरकार एवं जिला प्रशासन कृतसंकल्पित है कृषकों के कल्याण एवं उत्थान के लिए।

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