नफरती राजनीति और सांप्रदायिक अधिकारीयों के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष जारी रहेगा-इंसाफ़ मंच
जनसरोकार के सवालों पर सरकार असंवेदनशील बनीं हुईं हैं : संजय यादव
बेतिया
सड़क की चौड़ाई इनरवा बाजार में अन्य जगहों की तरह ईदगाह के सामने भी 70 फीट सड़क निर्माण करने, साम्प्रदायिक भावना से ईदगाह की जमीन में सड़क निर्माण कार्य कराने वाले सड़क निर्माण विभाग के पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने। देश में सभी नागरिकों के समान भाव से देखे जाने के संवैधानिक अधिकार की सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों को लेकर आज चौथे दिन भी धरना जारी रहा, सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा जिला नेता संजय यादव ने कहा कि बिहार में सेक्युलर सरकार महागठबंधन के नेतृत्व में चल रहा है तब भी भाजपा की नफरती राजनीति बेरोकटोक जारी है, जिसका ताजा उदाहरण इनरवा बाजार में नफरती राजनीति को बढावा देने के लिए ईदगाह को तोड़ दिया गया,आज उस ईदगाह के जमीन पर जबरन सड़क निर्माण हो रहा है, अल्पसंख्यकों और भाकपा-माले द्वारा लगतार विरोध दर्ज करने और सरकार को लगतार लिखने के बाद भी महागठबंधन सरकार चुप्पी साधे हुए हैं यह शर्मनाक है, गोपालगंज उपचुनाव हारने के बाद भी सरकार कोई सबक सीखने को तैयार नहीं है, अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि तय करो किस ओर हो तूम, तय करो किस ओर हो, आदमी के पक्ष में हो या आदमखोर हो तूम!
भाकपा-माले जिला कमेटी सदस्य सह किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि सांप्रदायिक मानसिकता से प्रेरित होकर जिल प्रशासन कमजोर अल्पसंख्यक समाज की जन भावनाओं के विरुद्ध युद्ध स्तर पर सड़क निर्माण कार्य चल रहा है, आगे कहा कि अधिकारीयों का मनोबल इतना बढा हुआ है कि न्याय पसंद लोगों द्वारा लगतार लोकतंत्रिक तरिका से जिला अधिकारी के समक्ष धरना के माध्यम से विरोध करने के बाद भी इस विरोध को अनदेखी कर रात्रि में सड़क निर्माण हो रहा है, यह शर्मनाक है,आगे कहा कि नफरती राजनीति और सांप्रदायिक अधिकारीयों के खिलाफ संघर्ष रूकेगा नहीं, सड़कों पर जारी रहेगा,
भाकपा-माले नेता रविन्द्र कुमार रवि ने कहा कि इनरवा बाजार के ईदगाह का समस्या भाजपा जदयू सरकार द्वारा 2012 में पैदा किया गया था, उसीका नतीजा आज ईदगाह को तोड़ दिया गया अब उस पर सड़क निर्माण हो रहा है, उस समय तत्कालीन मंत्री खुर्शीद आलम थे, और आज जब भाकपा-माले इंसाफ़ मंच ईदगाह बचाने की लड़ाई लड़ रही है तो बिहार सरकार और उनके अधिकारी जनसरोकार के सवालों पर असंवेदनशील बने हुए हैं, इसका खमियाजा आने वाले समय में भुगतना पडेगा,
भाकपा-माले नेता जवाहर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार देश में अघोषित आपातकाल (हिटलर शाही) थोप दिया है, जनता के संवैधानिक अधिकारों पर हमला कर रहीं हैं, और राज्य सरकारें चुप्पी साधे हुए हैं, मोदी शाही के खिलाफ आंदोलन को तेज़ करने का आह्वान किया, इनके अलावा ताजूद्दीन मंसुरी,वृजा प्रसाद, रिखी साह, नवी हस्सन, प्रकाश माझी, मुजमिल हुसैन, सुरेन्द्र चौधरी, रीता रवि, वृझन महतों, सानू आदि नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।
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