इनरवा में प्रशासन द्वारा खड़ा किया गया समस्या को हल करने के मामले में सरकार असंवेदनशील : भाकपा माले

12 नवम्बर को इनरवा चलों का आह्वान, अनिश्चित कालीन धरना दुसरे दिन भी रहा जारी

मुख्यमंत्री बिहार सरकार के नाम दुसरे दिन भी दिया चार सुत्री मांग पत्र

बेतिया (सोनू भारद्वाज) इनरवा बाजार में इंडो नेपाल बार्डर रोड के निर्माण पुरानी सड़क की जमीन को छोड़कर साम्प्रदायिक भावना से ईदगाह की जमीन में सड़क बनाने पर तू ली हुए हैं, जिसके खिलाफ भाकपा (माले) और इंसाफ मंच ने दूसरे दिन भी धरना जारी रहा, 

  सिकटा विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज बिहार में धर्मनिरपेक्ष सरकार है। तब भी इनरवा में सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त जमीन रहने के बावजूद एक तरफा पुरानी सड़क की जमीन को छोड़कर ईदगाह की जमीन में सड़क बनाया जा रहा है, जो अन्याय पूर्ण है। उसी बाजार में कुछ जगहों पर सड़क की जमीन 70 फीट रखी गई है। लेकिन ईदगाह के सामने सांप्रदायिक मानसिकता से 100 फीट जमीन रखी गई है। जो घोर अन्याय हैं, किसी भी तरह से मानने योग नहीं है इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा, आगे कहा कि इस पुरे मामले सहित गरीबों, महिलाओं, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों के समस्याओं को हल करने के मामले में सरकार असंवेदनशील बनीं हुईं हैं, 

आगे कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिए जा रहे 10 प्रतिशत आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराया जाना एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है, जो संविधान की मूल भावना के भी विपरीत है. संविधान में आरक्षण की व्यवस्था आर्थिक आधार पर नहीं बल्कि सामाजिक, शैक्षिक व ऐतिहासिक पिछड़ेपन के आधार पर की गई है. दूसरी ओर, न्यायालय द्वारा वंचितों के आरक्षणों को लेकर तरह-तरह की शर्तें और जमीनी डाटा कलेक्शन के नाम पर उसमें जारी कटौती को न्यायोचित ठहराया जा रहा है. वहीं सामाजिक तौर पर ऊंचे पायदान पर खड़े लोगों के लिए विशेष आरक्षण के प्रावधान को बिना जमीनी हकीकत जाने न्यायसंगत ठहराना कत्तई उचित नहीं है. भाकपा जिला मंत्री ओमप्रकाश क्रांति ने इस आंदोलन को समर्थन करते हुए कहा कि बिहार में सरकार तो बदल गयी है मगर अधिकारी भाजपाई मानसिकता से काम कर रहे है, प्रशासन अपनी रवैया नही बदलते हैं तो इनके खिलाफ तीनों वामपंथी पार्टीया मिल कर आंदोलन करेगी, 

भाकपा माले जिला नेता सुनील कुमार राव ने कहा कि सांप्रदायिक मानसिकता से प्रेरित होकर जिल प्रशासन कमजोर अल्पसंख्यक समाज की जन भावनाओं के विरुद्ध युद्ध स्तर पर सड़क निर्माण कार्य चल रहा है, आगे कहा कि अधिकारीयों का मनोबल इतना बढा हुआ है कि न्याय पसंद लोगों द्वारा लगतार लोकतंत्रिक तरिका से जिला अधिकारी के समक्ष धरना के माध्यम से विरोध कर रहे है पर इस विरोध को अनदेखी कर सड़क निर्माण हो रहा है, यह मोदी सरकार द्वारा अघोषित आपातकाल (हिटलर शाही) का झलक साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा है, इस मोदी शाही के खिलाफ आंदोलन को तेज़ करने का आह्वान किया, इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा, महमद अफाक , भाकपा माले नेता रीखी साह, एक्टू जिला नेता रविन्द्र कुमार रवि, सीताराम राम, नवी हस्सन, आदिवासी जिला नेता नन्दकिशोर महतो, इंसाफ़ मंच नेता अखतर एमाम, एकराम, बेतिया नगर पार्षद रीता रवि आदि नेताओं ने भी सभा को सम्बोधित किया मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र दिया जो इस प्रकार है 1. इनरवा में इंडो नेपाल बार्डर रोड के निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाय! 2. सड़क की चौड़ाई इनरवा बाजार में अन्य जगहों की तरह ईदगाह के सामने भी 70 फीट किया जाये!! 3. साम्प्रदायिक भावना से ईदगाह की जमीन में सड़क निर्माण कार्य कराने वाले सड़क निर्माण विभाग के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाय। 4. देश में सभी नागरिकों के समान भाव से देखे जाने के संवैधानिक अधिकार की सुरक्षा प्रदान की जाय । सभा कि अध्यक्ष किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने किया !

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