डेंगू की रोकथाम को लेकर वाटर लॉगिग वाले क्षेत्रों में नियमित रूप से करायें फॉगिंग एवं एंटी लार्वा स्प्रे : जिलाधिकारी।
जीएमसीएच सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए आवश्यक मेडिसिन, जाँच किट्स, बेड आदि की व्यवस्था करने का निदेश।
डेंगू से बचाव हेतु जारी एडवाइजरी का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराने का निदेश।
बेतिया। डेंगू बीमारी की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तत्पर है। इसके रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग, नगर निकायों एवं प्रखंड प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्यों की जिलाधिकारी द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में आज पुनः समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार की अध्यक्षता में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुई।
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक, बेतिया, श्री उपेन्द्र नाथ वर्मा, उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, अपर समाहर्त्ता, श्री राजीव कुमार सिंह सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि डेंगू का प्रकोप बिहार के कई जिलों में फैलने लगा है। पश्चिम चम्पारण जिले में भी कुछेक मरीजों में डेंगू के मामले प्रकाश में आये हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग और सभी नगर निकायों को तत्परतापूर्वक कार्य करें।
उन्होंने कहा कि जीएमसीएच सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों की समुचित ईलाज की व्यवस्था होनी चाहिए। अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड, मेडिसिन एवं टेस्ट किट्स की व्यवस्था की जाय। अगर टेस्टिंग किट्स पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं है तो तुरंत इसका क्रय करें।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि जिन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिले हैं, वहां के 500 मीटर के एरिया में प्रॉपर फॉगिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय। साथ ही विषम परिस्थिति में हॉटस्पॉट चिन्हित होने पर वहां विशेष निगरानी रखी जाय तथा सभी सुरक्षातमक उपाय सुनिश्चित किया जाय।
नगर निगम आयुक्त, सभी कार्यपालक पदाधिकारी, नगर निकायों को निदेश दिया गया कि वॉटर लॉगिंग वाले एरिया को चिन्हित करें तथा डेंगू की रोकथाम हेतु फॉगिंग कराना सुनिश्चित करें। साथ ही एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव भी करना सुनिश्चित करें।
समीक्षा के क्रम में बताया गया कि डेंगू बीमारी वायरस के कारण होती है। डेंगू वायरस मच्छर के दिन में काटने से फैलता है। यह मच्छर 07 दिनों या उससे अधिक ठहरे हुए साफ पानी में पनपते हैं। अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों को घुमाने में दर्द, मसूढ़ों, नाक से खून आना, त्वचार पर चकते पड़ना आदि लक्षण हो तो तुरंत खून की जांच करायें। जांच एवं ईलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में पूर्णतः निःशुल्क है।
बताया गया कि प्रायः डेंगू बुखार का उपचार सामान्य विधि से होती है, जिसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है। मरीजों में प्लेटलेट की संख्या 10,000 से कम होने अथवा रक्तस्राव के लक्षण दिखने पर ही विशेष परिस्थिति में प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है, जो बिहार के कइ रक्त केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती डेंगू मरीजों के लिए राज्य के सरकारी रक्त अधिकोषों में प्लेटलेट्स निःशुल्क उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गये डेंगू से बचाव हेतु एडवाईजरी के बारे में बताया गया कि घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें। कूलर, गमले, टायर आदि में जमे पानी को तुरंत बहा दें। पानी की टंकी को सही तरीके से ढ़क कर रखें। मच्छरदानी का उपयोग करें। पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े का इस्तेमाल करें। घर के आसपास सफाई रखें। घर के आसपास जमे पानी पर कीटनाशक का छिड़काव करें। बच्चे विद्यालय में फुल शर्ट, पैन्ट, जूता-मोजा पहन कर आएं। डेंगू से संबंधित विशेष जानकारी के लिए 104 नंबर पर डायल कर जानकारी ली जा सकती है।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाईजरी का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय। इस हेतु पम्फलेट तैयार कर आमजनों के बीच प्रसारित कराया जाय ताकि लोग जागरूक हो सकें और डेंगू से सुरक्षित रह सकें।
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