इस देश में किन्नरों की गिनती हुई है पिछडो कि नहीं -विजय कश्यप


आज प्रबुद्ध भारती के राष्ट्रीय संयोजक माननीय विजय कश्यप ने प्रेस वार्ता कर केंद्र सरकार एवं सरकारी मशीनरी को निशाने पर लेते हुए वर्तमान में उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव को स्थगित करने का जो फैसला लिया है उसका कारण गृह मंत्रालय द्वारा भारत सरकार की 91 साल से पेंडिंग जातीय जनगणना न कराना बताया, विदित हो, कि, विजय कश्यप की धर्मपत्नी गीता कश्यप ने स्टैंप पेपर पर संकल्प कर एक नया मिसाल कायम किया है, तथा अपनी नियत को स्पष्ट किया है। गीता कश्यप स्टांप पेपर पर संकल्प करने वाली एकमात्र बेतिया नगर निगम की महिला मेयर प्रत्याशी हैं, जिन्होंने संकल्प किया है, की, चुनाव पश्चात निगम की पहली बैठक में बोर्ड द्वारा परिसीमन के सुधार संबंधित संशोधन तथा टैक्सेशन, जो, 21 प्रकार के हैं के बारे में पुनर्विचार हेतु 200000 लोगों का हस्ताक्षर युक्त एक ज्ञापन महामहिम राज्यपाल महोदय को भेजा जाएगा, जिसमें एवं परसीमन पर जांच कमेटी बैठा कर जनता के हित में निर्णय करने का फैसला लिया जाएगा। ज्ञातव्य हो कि पिछले सरकार में मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सदन के अंदर एवं बाहर जनता के बीच जातिय जनगणना कराने का विश्वास दिलाया था।

सनद रहे, इस देश में हिजड़ों की गिनती हुई है पिछडो कि नहीं, वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह जी ने जाति जनगणना कराने का 2021 में आश्वासन दिया था, असवासन दिया था जिस के संबंध में बिहार के अंदर सर्वदलीय राजनीतिक पार्टियों ने नीतीश जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री जी को आम जनता की तरफ से ज्ञापन सौंपा।

अत ,उस न्यायालय के फैसले के पीछे केंद्र सरकार की नियत एवं देश की 60% आबादी के साथ सौतेला व्यवहार तथा देश के सामाजिक एवं राजनीतिक तथा सर्वांगीण विकास में पिछड़ों को मौका ना देकर हजारों लोहिया अंबेडकर, मोदी तथा कर्पूरी ठाकुर जैसे महापुरुषों के पराक्रम एवं पुरुषार्थ को नकारना बताया.

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