लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) जिला इकाई द्वारा भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, भारत रत्न, समाजवादी चिंतक व पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के संस्थापक लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार की संध्या इकाई के जिलाध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) आर.के. चौधरी के निवास पर सम्पन्न हुआ। अध्यक्षता करते हुए प्रो. चौधरी ने कहा कि जेपी को चित्र में नहीं अपने चित्त में जिंदा रखने की जरुरत है। उनके विचारों से वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराने की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि बिहार राज्य इकाई के सचिव डाॅ. जगमोहन कुमार ने कहा कि जनता की आवाज को लेकर सदैव मुखर रहने वाले जेपी को जब आपातकाल के समय जबरन जेल भेज दिया गया था तब भी वे देश के अंतिम पायदान और हाशिए पड़ खड़े भारतीयों के हक और अधिकार की चिंता कर रहे थे। जिसका परिणाम है- देश की अग्रणी मानवाधिकार संस्था पीयूसीएल का गठन। मुख्य वक्ता जेपी सेनानी प्रो. प्रकाश, पंकज व नन्दलाल ने कहा कि जयप्रकाश नारायण लोकतंत्र के सबसे सजग प्रहरी थे। लोकतंत्र में तंत्र कैसे लोक के प्रति जिम्मेदार बना रहे, लोगों की बुनियादी समस्याओं का समाधान हो, के प्रति सदैव सक्रिय व प्रयत्नशील रहते थे।
संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में अपने संबोधन में डाॅ. हफीजुर्रहमान, संयुक्त सचिव डाॅ. मुकेश कुमार, आजीवन सदस्य लालबाबू प्रसाद, रेमी पीटर हेनरी, जगदेव प्रसाद, पूर्व कोषाध्यक्ष रामचंद्र साह, सदस्य बिहारी लाल प्रसाद उर्फ लाल दरोगा महतो, अरुण कुमार वर्णवाल, अरविन्द कुमार, शंभू कुमार, बसंत कुमार, राम कुमार, पिंकी देवी, प्रियंका कुमारी व अन्य ने कहा कि जेपी के आदर्श एवं उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
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