बगहा पुलिस जिला के गोवर्धन थाना अंतर्गत बलुआ गांव में वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के आदमखोर बाघ ने आज फिर दो लोगों को अपना शिकार बनाया है आज के इस घटना को लेकर कुल 9 लोगो को आदमखोर बाघ ने अपना शिकार बना चुका है। बताते चले कि बाघ के हमले से मृत की पहचान बलुआ गांव के स्व. बहादुर यादव के पत्नी सिमरिकी देवी एवं उसकी बेटी बबिता देवी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि काफी संख्या में ग्रामीण गन्ना के खेत में बाघ को घेरा कर खोज बीन कर रहे है। आपको बताते दे कि 3 साल की उम्र का यह बाग जिसको टी 105 के नाम का यह बाघ जाना जाता था.
इसके आतंक को देखते हुए वन विभाग के चीफ वाईलड लाइफ वार्डन के अनुरोध पर एनटीसीए ने बाघ को मारने की अनुमति दी.
इसके लिए नेपाल बगहा मोतिहारी एवं बेतिया के एसटीएफ की एक सात सदस्य टीम बनाई गई जिसमें 7 लोगों को शामिल किया गया,
जिसके लिए डीएम ने भी वन विभाग से बाघ को मारने के लिए पत्र दिया था।
वहीं कल शुक्रवार को प्रमंडल के - एक डीएफओ ने बताया कि बाघ को मारने की आदेश जारी कर दी गई है पैदल ट्रैकिंग कर उसका लोकेशन पता किया जाएगा फिर उसे या तो पकड़ा जाएगा या फिर मार दिया जाएगा।
आज फिर 2 घटना घटित हो गए। 3 दिनों के अंदर आदमखोर बाघ ने 4 जाने ले ली।
बता दें कि 6 माह के भीतर आदमखोर बाघ 9 लोगों की जान ले चुका है। आदमखोर बाघ को मारने की अनुमति मिलने के बाद ये कयास लगाया ही जा रहा था की 24 से 48 घंटे के अंदर वन विभाग राहत की खबर सुनाए गा, लेकिन सारे कयास उल्टे हो गए, बाघ को मारने से पहले बाघ और कितनी जाने लेगा इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। जब की आज पूरे 27 दिनों से वन विभाग की टीम 400 की संख्या में बाघ को पकड़ने की पूरी कोशिश तो की लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई।
इधर बाघ को मरने के लिए बिहार के एसटीएफ की भी तैनाती की गई, लेकिन बाघ के बार बार लोकेशन, ठिकाना बदलने से काफी दिक्कतें आ रही थी, वहीं आदमखोर हो चुके बाघ आखिरकार आज सुबह से ही एसटीएफ की टीम काफी मेहनत के साथ लगी रही दिन के करीब 3:30 बजे बाघ की मौत आ गई 4 गोलियां लगने के बाद यह आदमखोर बाघ हमेशा के लिए मौत की नींद सो गया इसकी खबर सुनकर सभी लोगों ने राहत की सांस ली
बाघ ने 14 मई को सिमरा थाना के जमरी नौशवा के रहने वाले 12 साल राजकुमार, को अपना निशाना बनाया था 20 मई को चिवटहा व थाना के धोल बजवा लक्ष्मीपुर पार्वती देवी उम्र 50 साल ,15 जुलाई को लौकरिया थाना बैरिया कला 65 वर्षीय धर्मराज काजी,12 सितंबर को इसी इलाके के 40 वर्षीय प्रेम कला देवी, 21 सितंबर को 65 वर्ष रामप्रसाद उरांव, 5 अक्टूबर को गोवर्धना सिंघई गांव के 12 वर्षीय बगड़ी कुमारी, इसी गांव के 35 वर्षीय संजय महतो, एवं आज सुबह मां बेटी को मौत के घाट उतारने वाला इस आदमखोर का अंत हो ही गया.
एसटीएफ की टीम को वन विभाग में हाथी एवं विशेष गाड़ी भी प्रदान किया था गन्ने के खेत में बाघ के छिपे होने के लिए चारों तरफ से जाल से भेज दिया गया और फिर एसटीएफ की टीम ने बाकी तलाश शुरू की बैरिकेड के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं देगी गई
बाघ के मारे जाने के बाद एसटीएफ ने बात को लपेट कर बाहर निकाला गांव के लोगों की यह जिद थी कि यह बाग है ही नहीं अंततः पुलिस पुलिस ने लोगों को उसे खोल कर दिखाया तब जाकर गांव वालों को यह यकीन हुआ कि यह वही आदमखोर बाघ है.
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